विहार सेवा स्वंस्थापक प्रवचन शिखर पू. आचार्य श्री विजय महाबोधिसुरीजी महाराज आज भाईदुज के सुअवसर पर उपप्रवर्तिनी गुरुमॉं पु. चंद्रकलाश्रीजी म. सा. शासन सुर्या पु. स्नेहाश्री जी म.सा., मधुर कंठी पु. श्रुतप्रज्ञा श्री जी एवं आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ परिवार को शुभकामनाएँ एवं मंगलमय आशिर्वाद देने हेतु आकुर्डी स्थानक भवन पधारे! चतुर्विध संघ का आध्यत्मिक मिलन इस पावन अवसर पर हुआ! आचार्य श्री जीने अपने उद्बोधन में जैन एकता मजबुत हो यह संदेश देकर संप्रदाय वाद में हमें जाना नही !
भगवान महावीर स्वामीजी के निर्वाण कल्याणक पर शुभकामना देकर भ. महावीर के सिध्दांतो का अंगीकार करने का एहलान किया! आचार्य ध्यानयोगी पु डॉ. शिवमुनीजी म. सा के साथ हुये वार्तालाप एवं उनके गुणविशेषो का वर्णन कर उनके महानतापर प्रकाश डाला ! उसी प्रकार युवाचार्य श्री महेंन्द् ऋषिजी के साथ अनेक प्रसंगोपर हुये मिलाप का जिक्र किया! विहार सेवा के संस्थापक होने नाते विहारसेवा का महत्व विशद कर विहारसेवको की सराहना की!
शासन सुर्या पु. स्नेहाश्री जी के प्रति स्नेह भाव प्रकट कर उनके प्रवचेनो की एवं गुरुप्रित की प्रशंसा की! गुरुमॉं को आशिर्वाद देकर उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए मंगलकामना की! आचार्य पुज्यनीय विजय महाबोधि सुरिश्वरजी की आगवानी एवं स्वागत संघाध्यंक्ष सुभाषजी ललवाणी, विश्वस्त मंडल एवं आदिनाथ श्री संघ के अध्यंक्ष अनिलजी नहार, आगामी अध्यक्ष भरतजी चंगेडीया पुर्वाघ्यंक्ष संजयजी साखला, सुभाषजी मुथा आदि ने की !
आचार्य श्री जी को भाईबीज के सअवसर पर उपप्रवर्तिनी गुरुमॉं चंद्रकलाश्रीजी आदि ठाणा 3 के और से गुरुमॉं ने आदर की चादर प्रदान कर अपनी क्रुतज्ञता प्रकट की! उसी प्रकार आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ के और से आचार्यश्री जी एवं साधुजी को संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी, विश्वस्त मंडल एवं आदिनाथ श्री संघ के अध्यंक्ष अनिलजी नहार एवं पदाधिकारियों द्वारा आदर की चादर प्रदान की गयी! आचार्य श्री जी ने महासाँध्वी जी एवं श्री संघ प्रति अपनी क्रुतज्ञता एवं स्नेहभाव जताये!




