श्री गुजराती जैन संघ गांधीनगर में चातुर्मास विराजित दक्षिण सूर्य ओजस्वी प्रवचनकार डॉ श्री वरुण मुनि जी म. सा. ने दक्षिण सिंहनी शासन प्रभाविका श्रमण संघीय उप प्रवर्तिनी परम विदुषी महासतीजी डॉ. श्री दर्शन प्रभा जी म सा के सोमवार को बैंगलोर में संथारे सहित देवलोक गमन हो जाने पर अपने भाव पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि आप संयम प्रिया, स्पष्ट वक्ता, सरलमना और बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी महाश्रमणी साध्वी रत्ना थी। आपके जीवन में हमेशा ही मन्द मन्द मुस्कान नजर आती रहती थी। तप संयम में अनुरक्त सरल प्रकृति भाव वाली, तथा परिषहो को समभाव पूर्वक सहन करने वाली साधक आत्मा के सुगति प्राप्त होना सरल है।
आप ज्ञान, दर्शन, और चारित्र साधना का अनूठा त्रिवेणी संगम थी। हमें भी कई बार आपके दर्शन, मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके सदैव वात्सल्यपूर्ण व्यवहार और जिनशासन की महती प्रभावना करने और श्रमण संघ संगठन को और मजबूत करने एवं आगे बढ़ाने में और निरन्तर विकास, एकता में आपके सत प्रयासों, कुशल मार्गदर्शन और दूरदर्शी सोच के लिए एवं उस ओर आपके किये गये महान् कार्यों के लिए संपूर्ण स्थानकवासी संघ समाज सदैव आपका ऋणी रहेगा।
आपका इस तरह जाना संपूर्ण संघ समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है जिसकी पूर्ति होना निकट भविष्य में असंभव है। शासन देव से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा शीघ्रातिशीघ्र अपने चरम लक्ष्य को, शाश्वत सुखो को प्राप्त करें। यही हार्दिक श्रद्धांजलि, भावांजलि अर्पित करते हैं। उप प्रवर्तक श्री पंकज मुनि जी महाराज ने भी दिवंगत आत्मा के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।