रत्नवंश के छठे आचार्य जीवन निर्माण के शिल्पकार पूज्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा का दीक्षा दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ- तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट,चेन्नई में जप तप त्याग पूर्वक मनाया गया |
स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में रत्नवंश के छठे आचार्य पूज्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा का दीक्षा दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ- तमिलनाडु के तत्वावधान में मनाया गया |
वरिष्ठ स्वाध्यायी ने दैनिक स्वाध्याय के अंतर्गत आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने नौ तत्वों के विवेचन व संयम चालीसा की स्तुति की | वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री चम्पालालजी बोथरा ने गुणगाण करते हुए कहा कि आचार्य शोभचन्द्रजी म.सा ने प्रज्ञा चक्षु आचार्य श्री विनयचंद्रजी म.सा की जोधपुर में चौदह वर्षों तक निरन्तर सेवाएं की |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने धर्मसभा में कहा कि उनका जन्म सौभाग्य पंचमी की तिथि को होने के कारण से पिता- माता भगवानदास- पार्वती देवी छाजेड़ मुथा ने बालक का नाम शोभा रखा | सौभाग्य पंचमी श्रुत पंचमी व ज्ञान पंचमी के रुप में प्रचलित हैं | बालक शोभा की तेरह वर्ष की वय मे जयपुर मे आचार्यश्री कजोडीमलजी म.सा के मुखारविन्द से सम्वत 1927 मे भागवती दीक्षा सम्पन्न हुई | नवदीक्षित श्री शोभाचंद्रजी म.सा को दो आचार्यों,एक आचार्यश्री कजोडीमलजी म.सा व दूसरे आचार्यश्री विनयचंद्रजी म.सा का मंगल सानिध्य प्राप्त हुआ,उनकी सन्निधि में आपके संयममय जीवन में निखार आया | आचार्यश्री शोभाचंद्रजी म.सा जीवन निर्माण के शिल्पकार व कुशल पारखी थे उन्होंने पांच वर्ष की दीक्षा पर्याय वाले नवदीक्षित बालमुनि श्री हस्तीमलजी म.सा की योग्यता की परख करते हुए उनके सोलह वय की उम्र में ही आचार्य बनाने का निर्णय लेकर उतराधिकारी के रुप मे घोषणा करते हुए जिनशासन में अनुपम इतिहास बना दिया |
धर्मसभा मे आचार्य श्री शोभचंद्रजी म.सा के गुणगान करते हुए कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने सेवा व ज्ञान गुण के अनेक उद्दरण रखते हुए गद्य-पद्य के माध्यम से विस्तृत चरित्रमय परिचय दिया | आचार्यश्री विनयचंद्रजी म.सा के स्थिरवास काल मे आप सेवा में रहे तब आपको पूज्य श्रीलालजी म.सा श्री देवीलालजी म.सा श्री ताराचंदजी म.सा से श्री छोटेलालजी म.सा श्री पूर्णमलजी म.सा श्री माधवमुनिजी म.सा के संग स्नेह पूर्वक मिलन संबंध व ज्ञान चर्चा का सुअवसर प्राप्त हुआ | आचार्य शोभाचन्द्रजी म.सा के मुखारविन्द से पांच महान सन्त रत्नों व सौलह महासतियों की दीक्षा सम्पन्न हुई |
धर्म सभा में रुपराजजी सेठिया, कांतिलालजी तातेड़,श्रावक संघ, तमिलनाडु के उपाध्यक्ष श्री अम्बालालजी कर्णावट, श्री लीलमचंदजी बागमार, युगल बन्धु श्री दीपकजी व योगेशजी श्रीश्रीमाल आदि की सामायिक परिवेश में उपस्थिति प्रमोदजन्य रहीं |
प्रेषक :-
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ – तमिलनाडु स्वाध्याय भवन, 24 / 25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट, चेन्नई 600 079