*🏳️🌈प्रवचन वैभव🏳️🌈*
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116)
परम भाव में रहोगे
तो परम सुख मिलेगा.!
117)
द्वेष शत्रु लगना,
आर्तध्यान से दूर रहना,
रोमरोममें प्रसन्नता व्याप्त हो,
यही प्रभुपूजा का फल है.!
118)
सही उद्देश्य से
शास्त्रोक्त विधि अनुसार
धर्म क्रिया करते रहना है..
आज नही तो कल
काल परिपक्व होने पर
आत्मबोध अवश्य होगा.!
119)
कुछ भी नही करोगे
तो ही कुछ कर पाओगे.!
120)
धर्म दुखमुक्ति के लिए नही,
उसमें समाधि के लिए करना हैं.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*युग प्रभावक वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन कृपा प्राप्त*
श्रुत संस्करणप्रेमी,शिष्यरत्न
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर