चार तरह के पत्थर होते पडा, खडा, गडा, घडा और पत्थर पहला पत्थर जो रास्ते पर पडा रहता है। दुसरा जो माईलस्टोन रास्तेपर किलो मिटर पथिक को दिखाने खडा रहता है। तिसरा जो हमारे मकान दुकानो मे गडा रहता है जिसका उपयोग हमे चलने बैढने उपयोग होता है और चौथा पत्थर जो घड कर मुर्ती बन जाता है! देखीए पत्थर जगह जगह उपयोगी होता है और एक दिन घडा पत्थर मंदीर जाते ही भगवान बन जाता हैं। हम इन्सान हररोज मंदीर जाकर भी पत्थर के पत्थर ही रहते है कितनी बडी यह विंडबंना है।
आज हम केवल धर्म कर रहे धर्मात्मा बनने का ढोंग कर रहे है। इसलिए अपने आप से वादा करो जो भी करो अच्छा करो ऐसा अनमोल सारगर्भित मंगल संदेश *नवकार साधक श्रमण संघीय सलाहकार परम पूज्य श्री तारकऋषिजी म सा के सुशिष्य आगमज्ञाता डॉ परम पूज्य श्री सुयोगऋषीजी म सा ने ने श्री वर्धमान श्वेताबंर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ औरंगाबाद के तत्वावधान में चल रहे ऐतिहासिक आध्यात्मिक चातुर्मास की प्रवचन श्रृंखला में दिया*
महावीर भवन के आनंद कल्याण दरबार में
*जीवन जीने की 14 कलाओ पर आज से पूज्यनीश्री ने अपनी बात शुरु की जिसमें प्रथम विषय आज का पत्थर था…*
खुद पत्थर रहकर वह पत्थर भगवान बन जाता है पर आज हम इन्सान रहकर भगवान नहीं बन सकते हम 84 गतियो मे से भटक रहे हैं और इतना धर्म आराधना दान तप जप कर के भी हमारे जीवन में भटकाव क्यो इसका अपने आप की आत्मा से चिंतन करो हमारे हमारे जीवन में बाहर के बहोत बदलाव लाए पर भितर से बदलनें की आए चातुर्मास के क्षण क्षण को सार्थक करो
आगमवाणी सुनने का सौभाग्य हर किसी के नसीब में नही होता वह आंख कान मुंह अभागी है जो परमात्मा के दर्शन वंदन नमन वाणी को नहीं देख सकते ना देख सकते और नही सुन सकते आज हम बहोत धर्म आराधना कर कर रहे पर वह शुन्य भावों से कर रहे भावो में अहोभाव जागृत करो आपके लिए आपके संकल्पित मोक्ष मार्ग जीवन कल्याण की राह। सुकर होगी ऐसा अनमोल चिंतन पूज्यनीश्री ने दिया
विषेश है परम पूज्य श्री सुयोगऋषीजी म सा के प्रतिदिन नीत नयी बात नित नया संदेश सुनने के लिए सैकड़ों श्रावक श्राविकाओ की भीड़ समय के साथ हो रही है अपने दैनंदिन प्रवचन में पारिवारिक, सामाजिक, धार्मिक,आगमज्ञान, जैन दर्शन आदी विभिन्न विषयों पर पूज्यनीश्री बहोत सटीकता पुर्वक बात अपने अनोखी प्रवचन शैली से कर रहे हैं!
🟥🟨⬜🟦🟩
✍🏼 प्रकाश कोचेटा
नवकार मिडीया
- 1 2