आचार्य महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, मुनि रमेश कुमार, मुनि पद्म कुमार एवं मुनि रत्न कुमार के पावन सान्निध्य एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में सभी संघीय संस्थाओं के सहयोग से बुधवार को पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का पहला दिन खाद्य संयम दिवस के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने उपस्थित अपार जनमेदिनी को फरमाया कि जैन धर्म का पर्वाधिराज पर्युषण आज से खाद्य संयम दिवस के रूप में प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि पर्युषण महापर्व तप व त्याग का महायज्ञ है। हमें अपनी इंद्रियों को, चेतनाओं को जगाना है। आठ दिनों तक रात्रिभोजन का त्याग, जमीकंद का त्याग, प्रवचन श्रवण आदि का नित्यक्रम बनाना है।
मुनि रमेश कुमार ने कहा कि पर्युषण महापर्व हमारी आंतरिक चेतना को जगाने के लिए आता है। हमारे भीतर जो उन्नत धार्मिक भावनाएं भरी हैं हम उसे साधना, आराधना व अनुप्रेक्षा के द्वारा जगाएं। अर्थात बाहरी प्रवृत्ति को हटाकर अंतर्मुखी बनाएं। मुनिश्री ने खाद्य संयम की विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि भोजन का संबंध संयम से है, यह एक बहुत बड़ी साधना है। कब, कैसे, कितना भोजन ग्रहण करें यह अपने आप में एक तपस्या है। उन्होंने कहा कि हमेशा भूख से कम खाना चाहिए, चाहे आपके सामने कितनी भी मनोज्ञ पदार्थ क्यों न हो।
मुनि पद्म कुमार जी ने खाद्य संयम पर अपने विचार व्यक्त किये।
तेरापंथ युवक परिषद के द्वारा मंगलाचरण से आरंभ कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के पदाधिकारियों ने मधुर गीतिका का संगान किया। पर्युषण पर्व पर अखंड जाप के क्रम में बुधवार को श्रीडूंगरगढ़, बीदासर, मोमासर, आड़सर सांडवा का संपन्न हुआ तथा वृहस्पतिवार रतनगढ़, चुरू, राजलदेसर, राजगढ़, सादुलपुर, तारानगर, नोहर, भादरा, सिरसा का जाप होगा।
तेरापंथी सभा, गुवाहाटी द्वारा आदर्श साहित्य विभाग की ओर से प्रकाशित साहित्य 85 प्रतिशत की विशेष छूट पर उपलब्ध करवाई जा रही है। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा एवं मंत्री राजकुमार बैद ने सभी श्रावक-श्राविकाओं एवं समाजबंधुओं से पर्युषण महापर्व पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर धर्मलाभ लेने का आह्वान किया है। इस आशय की जानकारी सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन जम्मड़ ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
*संप्रसारक*
*श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी असम*