छह तपस्विनी बहनों की तपस्या का तपोभिनंदन
आचार्य महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी , मुनि रमेश कुमार जी , मुनि पद्म कुमार जी एवं मुनि रत्न कुमार जी के पावन सान्निध्य एवं तेरापंथी सभा के तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में महिमा भूरा (11), सायर देवी नाहर (11), मंजुला भादानी (11), प्रिया सेठिया (11), मंजुलता सेठिया (10), संगीता कोठारी (8) की तपस्या के उपलक्ष्य में तपोभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। गुवाहाटी में इस वर्ष निरन्तर तपस्या हो रही है। तपस्या के नये नये कीर्तिमान बन रहे हैं।
इस अवसर पर तेरापंथी सभा, गुवाहाटी की ओर से साहित्य एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर तपस्विनी बहिनों के तप की अनुमोदना की गई।
तपस्या का उद्देश्य बताते हुए मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी ने तपस्विनी बहिनों के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि तपस्या केवल कर्म निर्जरा के लिए की जाती है। यह किसी पद-प्रतिष्ठा के लिए नहीं की जाती है। तपस्या से आत्मा पुष्ट होती है, जिससे आत्मा की उज्ज्वलता बढ़ती है। तपस्विनी बहिन इसी तरह तपस्या के क्षेत्र में आगे बढ़ती रहें।
मुनि रमेश कुमार जी ने कहा कि तपस्या आत्म कल्याण का सशक्त मार्ग है। तपस्या के द्वारा अपनी आत्मा पर आच्छादित कर्मों को निर्मूल किया जा सकता है। मुनिश्री ने कहा कि जीवन में ज्ञान, ध्यान, स्वाध्याय, जप और तप के द्वारा ही शांति मिल सकती है, अन्यथा कितना भी पद- प्रतिष्ठा प्राप्त कर लें मन में शांति नहीं मिल सकती है। आपने आज जीवन में शांति से कैसे जीये इसे रोचक तरीके से समझाया।
तपस्विनी बहनों के पारिवारिक जनों की ओर से वक्तव्य एवं गीतिका के माध्यम से तप की अनुमोदना की गई। सिलीगुड़ी से समागत कमल चौरडिय़ा ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि पद्म कुमार ने किया। राजेश जमड़ ने तपस्विनी बहिनों का परिचय दिया।
विकास महोत्सव कल
मुनिवृंद के पावन सान्निध्य एवं तेरापंथी सभा के तत्ववाधान में विकास महोत्सव का भव्य आयोजन रविवार को स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल प्रात: 9 बजे से किया जाएगा, जिसमें असम, बंगाल मेघालय, मणिपुर त्रिपुरा आदि अनेक क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाएं समागत होंगे। इस आशय की जानकारी सभा के मंत्री राजकुमार बैद ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी