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ज्ञान वाणी

चरित्र से होती है मनुष्य की पहचान: विनयमुनि

चरित्र से होती है मनुष्य की पहचान: विनयमुनि

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने आयंबिल ओली के अंतर्गत चल रहे नवपद जाप के आठवें दिन मंगलवार को कहा संसार में मनुष्य के पास सब साधन है पर चरित्र नहीं है तो सब बेकार है। चारित्र नहीं होने पर मनुष्य नरक में प्रवेश करता है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य को उसके अच्छे चरित्र से ही अलग पहचान मिलती है। चरित्र की आराधना करने वाले अमर हो जाते हैं। उन्होंने कहा जप और तप के साथ अगर नवपद का जाप किया जाए तो मन शुद्ध हो जाता है। नवपद की आराधना करने से जीवन सफल होता है। मनुष्य को उसके द्वारा किए गए पुण्य के कार्य ही उसे उपर उठाते हैं।

जीवन में सफल होना है तो धर्म, तप के लिए आगे रहना चाहिए। सागरमुनि ने कहा गुरु भगवंतों के उपदेश जीवन में बदलाव लाने के लिए होते हंै। उनके उपदेशों का मनुष्य अगर अनुसरण करता है तो उसका जीवन बदल जाता है। जीवन में विनय का बहुत महत्व होता है। मनुष्य को खुद में विनय का भाव लाकर मोह माया को नष्ट करते हुए मोक्ष की प्राप्ति करने का प्रयास करना चाहिए।

सदगुरु से ही मनुष्य को सही राह मिलती है ऐसे में उनके चरणों में जाकर गुण प्राप्त कर आगे निकलना चाहिए। इस मानव भव को पाकर पाप करने वाले खुद के लिए नरक का मार्ग खोलते हैं। चरित्र के प्रभाव से जीवन में संयम आता है।

मनुष्य को अहिंसा के पथ पर चलना चाहिए क्योंकि इस पथ पर चलने वाला अपने जीवन को बेहतर बनाता है। श्रद्धालुओं ने स्वास्तिक रूप में बैठकर नवपद ओली आराधना की। संचालन सहमंत्री पंकज कोठारी ने किया।

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