सितम्बर-2024 में श्रुताचार्य, वाणी भूषण, साहित्य सम्राट पूज्य प्रवर्तक श्री अमरमुनिजी महाराज सा. के संयम अमृत वर्ष का शुभारंभ हुआ। गुरु अमर संयम अमृत वर्ष (2024-25) के उपलक्ष्य में देशभर में अनेक सेवाकार्य तथा आयोजन हुए। जिनमें उपप्रवर्तक पंकजमुनिजी एवं अमरशिष्य डॉ. वरुणमुनिजी की मंगल प्रेरणा जुड़ी रही। इस क्रम में अ. भा. गुरु अमर संयम अमृत वर्ष आयोजन समिति की ओर से श्रुत संवर्धन तथा विशिष्ट सेवाओं की अनुमोदनार्थ गुरु अमर वार्षिक सम्मान श्रृंखला का प्रवर्तन किया गया। प्रथम सम्मान समारोह ज्ञान पंचमी, 6 नवम्बर 2024 को बेंगलुरु में हुआ था। वर्ष 2025 के सम्मानों के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित की जा रही हैं । ये सम्मान निम्नलिखित श्रेणियों में दिए जाएँगे-
1. *गुरु अमर श्रुतसेवा सम्मान*
जैन धर्म,दर्शन, आगम और साहित्य के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए।
2 . *गुरु अमर श्रावकरत्न/ श्राविका रत्न सम्मान* स्वाध्याय प्रचार- प्रसार, जिनशासन की सेवा, आराधना, उपासना में अनुपम योगदान के लिए।
3. *गुरु अमर मानवसेवा सम्मान* शिक्षा, स्वास्थ्य, अन्नदान आदि के माध्यम से मानवसेवा के अनुकरणीय कार्यों के लिए।
4. *गुरु अमर जीवदया सम्मान* अहिंसा, शाकाहार, करुणा, प्रानी रक्षा, व्यसनमुक्ति आदि क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए।
5. *गुरु अमर सद्भावना सम्मान* समाज में आपसी झगड़ों का समापन, कलह का निवारण तथा शांति व सौहार्द की स्थापना में सफल योगदान। अदालत में लंबित धार्मिक मसलों को खत्म करवाने में सफल भूमिका। जैन समाज की विभिन्न संप्रदायों में आपसी सद्भाव तथा विभिन्न समुदायों के बीच स्नेहवर्धन आदि । ( मानवसेवा, जीवदया और सद्भावना के सम्मान के लिए संस्था का चयन भी किया जा सकता है। )
शॉल, मुक्ताहार, साहित्य और सम्मान-पत्र के साथ ये सम्मान उपप्रवर्तक पंकजमुनिजी एवं डॉ. वरुणमुनिजी की निश्रा में समारोहपूर्वक प्रदान किए जाएंगे। सम्मान के संबंध में आयोजन समिति का निर्णय अंतिम होगा।
इन पुरस्कारों के लिए 31 सितंबर, 2025 तक निम्नलिखित नम्बर/ ई मेल 📫 पर प्रविष्टियाँ भिजवाएँ। सधन्यवाद-
दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरुण गुरुदेव की आज्ञा से
भवदीय
डॉ. दिलीप धींग
संपर्क सूत्र:- डॉ. दीप सागर सोनी