श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने बताया घर में अगर पांच व्यक्ति है तो सभी के ऊपर एक जैसा स्नेह नहीं होता। अगर वैभव हो तो उस पर द्वेश होता है। एक भी संबंध कायम नहीं रहता है। स्नेहराग, दृष्टिराग, कामराग आदि के बारे में समझाया।
प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने आ शब्द के बारे में बताया। आओ खेल खेले हम सबका नित्त होवे मेल। खेल खेलने में मेल होना जरूरी है। गेंद के खेल के बारे में बताया गया।अरसिकेरे से महिला मंडल का तथा तपस्वी प्रिया मकाणा का स्वागत अध्यक्ष विजयराज चुत्तर, अभिवादन मंत्री हस्तीमल बाफना ने किया।संचालन सुधीर सिंघवी ने किया।