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क्रुतज्ञता बिदाई चातुर्मास समापन समारोह संप्पन्न

क्रुतज्ञता बिदाई चातुर्मास समापन समारोह संप्पन्न

क्रुतज्ञता बिदाई चातुर्मास समापन समारोह संप्पन्न! श्री वर्धमान जैन श्रावक संघ आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण* के प्रांगण मे *राजस्थान सिंहनी उपप्रवर्तिनी संथारा साधिका पु. गुरुणीमैय्या श्री चारित्र्यप्रभाजी एवं उपप्रवर्तिनी गुरुणीमैय्या डॉ.दर्शनप्रभाजी म. की सुशिष्याएं* *डॉ.. राजश्री जी म.सा* *डॉ.मेघाश्री जी म.सा* *साध्वी समिक्षाश्री जी म.सा* *साध्वी ज़िना ज्ञा श्री जी म. सा.*। आदि ठाणा 4 के ऐतिहासिक, स्वर्णमय अक्षरोमे लिखे जानेवाले चातुर्मास का आज क्रुतज्ञता समारोह अनेक धर्मप्रेमी महानुभवों के प्रमुख उपस्थिती मे संप्पन्न हुआ! अनेक महानुभावो ने चातुर्मास मे क्या पाया इसपर अपना संभोदन रखते समय भावुक हुये! महासतीयों की साधगी, सरलता, निरपेक्ष भावों का एवं प्रभावी आध्यात्मिक प्रवचनोकी सराहना की ! जिनवाणी के रसपान का आनंद लेनेवाला अनुभव मान्यवरो ने कथीत किया!

हर कार्यक्रम श्री संघ के अनुकुलता से हो यह भाव सदैव भाये एवं संघ व्यवस्था का सन्मान किया! मनोगत रखने वाले महानुभाव संघ विश्वस्त राजेंन्द्र जी रातडीया, सुर्यकांत जी मुथीयान, निताजी ओस्तवाल, मंगल जी जैन, मनिषाजी जैन, स्मिता जी रांका, शारदा जी चोरडीया, सुरेखाजी कटारिया, सतिष जी मेहेर, श्वेता जी राठोड आदि थे! सौ शारदा चोरडीया ने अपने वक्तव्य मे कहा, आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघमे आज मारासाहेब के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन दिवस, बिदाई समारोह अत्यंत सुचार रूप से संपन्न हुआ ! आज चातुर्मास का अंतिम पडाव सुवर्ण शिखर बना!

इस चातुर्मास की कुछ विशेषताये रही

बिना अडंबर तप ,जप , प्रवचन से आत्मोत्थान पथ पर चलने का अति उत्तम प्रयास हुआ .

महापुरुषों के जयंती महोत्सव, दीक्षा दिवस , तथा पर्युषण के आठ दिन अत्यंत उत्साहासे उमंगसे एक साथ मनाये गये

सभी मेहमानो की आवास , निवास ,भोजन व्यवस्था सराहनिय , बहुत सुंदर रही !सभी विश्वस्थों ने तन-मन धन के साथ समय का दान दिया! टीम वर्क का बहुत सुंदर उदाहरण समाज के सामने प्रस्तुत कियाआप सभी अभिनंदन के पात्र हो!

चार मास स्थानक में श्रोताओं का मेला लगा था !

श्री संतोषजी कर्णावट ने घटना मे महिलाओं को स्थान दिया

.पूर्ण चातुर्मास की डोर अध्यक्ष श्री सुभाषजी ललवाणीने अत्यंत लीलया ,कौशल्य पूर्ण व्यवहार से सबको साथ लेते हुए संभाली

आपका नेतृत्व, वक्तृत्व हर काम मे भावपूर्ण योगदान महत्त्वपूर्ण रहा ..

समाज की सेवा करने वाले, संघ की सेवा करने वाले सभी ज्ञात तथा अज्ञात हातों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अदा किये! संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी ने चातुर्मास सफलता का सारा श्रेय अपने विश्वस्त मंडल के संग संपुर्ण श्रावक संघ, महिला मंडल युवा साथीयों को दिया एवं दानदाताओं को दिया !

अपने भावों को पद्य के माध्यम से संबोधते हुये कहा “ चातुर्मास की मिली अनोखी भेट यह हमारे संघ का सौभाग्य! शांत स्वभावी, प्रवचन प्रभावी आगम ज्ञानी, मधुरवाणी यह संघ का अहोभाग्य ! राज मेघ की अम्रुतवाणी, समिक्षा श्री जी गाण सम्राज्ञी, जिनाज्ञा श्री जी की मधुर जिनवाणी यह संघ का परम भाग्य!

संघ समाज का तन, मन, धन से मिला सहयोग मै सभों का क्रुतज्ञ! स्नेह आपका बना रहे, आशिर्वाद आपका सर्वज्ञ!” महासतीयो ने आकुर्डी संघ के प्रति अपनी क्रुतज्ञता प्रकट करते वक्त अपने संपुर्ण संयमी जीवन या गत सभी चातुर्मासो मे इस प्रकार का सेवाभावी. अध्यात्मप्रति लगन रखने वाला, समर्पित भावोवाला श्री संघ नही देखा यह सुंदर शब्दो मे गीत के माध्यम से दर्शित किया और संघ के प्रति आभार व्यक्त कर साधुवाद दिया! आयोजन, नियोजन की सराहना की!

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