ऋषभ देव भगवान के पुत्र- भरत चक्रवर्ती और बाहुबली थे। भरत चक्रवर्ती को चक्रवती पद पाने के लिये छोटे भाई बाहुबली को हराना जरूरी था। इसके लिये दोनो में युद्ध हुआ।
बाहुबली हर युद्ध जीतते गये। आखिर में जब बाहुबली जीतने वाले थे उन्होंने अपना विचार बदल लिया और भरत को जीताकर खुद मुनि बनकर सन्यास ले लिये।
मुनिवर ने पन्द्रह कमदान का वर्णन किया। इनसे आवको को दूर रहना चाहिये। जैसे Factory लगाने से अनंत काय जीवो की हिंसा होती हैं। इस प्रकार के व्यापार श्रावको को नहीं करना चाहिये।