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इन्द्रियाँ पतन का माध्यम भी है और आत्मा के उत्थान का मार्ग भी है: महासाध्वी धर्मप्रभा

इन्द्रियाँ पतन का माध्यम भी है और आत्मा के उत्थान का मार्ग भी है: महासाध्वी धर्मप्रभा

साहूकार पेठ में श्री पार्श्व पद्मावती एवं सिध्दी तप – एकासन व्रत के अनेक जनों ने व्रत के साथ करी साधना

चैन्नई (साहूकार पेठ) इन्द्रियाँ पतन का माध्यम भी है और आत्मा के उत्थान का भी। शुक्रवार को साहूकार श्री एस,एस, भवन में साध्वी धर्मप्रभा ने श्री पार्श्व पद्मावती एवं सिध्दी तप के एकासन व्रत करने वालें तपस्वियों और श्रध्दालूओ को सम्बोधित करतें हुए कहा कि इस संसार मे बुध्दिमान और समझदार प्राणी कौई है, तो वह मनुष्य है।

जिसकी स्मरण शक्ति विराट है। उसकी आत्मा मे परमात्मा निवास करतें है। लेकिन मनुष्य उस शक्ति से अनभिज्ञ है । वो मात्र सांसरिक सुख को सर्वोपरि मानकर इन्द्रियों कि पराधीनता को स्वीकार कर लेता है । इन इन्द्रियो की पराधीनता उसके लिए अधोपतन का कारण बन जाती है।

जिस साधक ने सांरारिक सुख को त्याग कर इन्द्रियों और मन रूपी घोड़े को वश मे कर लिया है। वो शीघ्र ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। वह तभी संभव हो सकता है। जब व्यक्ति इस सत्यता को स्वीकार करके इन्द्रियों को काबू मे करें। सभा के प्रारंभ में साध्वी स्नेहप्रभा ने उत्तराययन सूत्र का वांचन करतें हुए कहा कि आत्मा का अभुदय तभी हो सकता है,जब मनुष्य इन्द्रियों को नियंत्रण और वश मे रखेंगा।

मानव कि सारी सम्भावनायें इस शरीर में सन्निहित होती है किन्तु उनका उत्कर्ष और जागरण तभी सम्भव है,जब शक्तियों का संयम किया जाय और उनके आवश्यक अपव्यय को वशीभूत रखे। इसके लियें इन्द्रिय-संयम मनुष्य कि प्रमुख आवश्यकता है। बिना इस कक्षा को उत्तीर्ण किये कोई भी व्यक्ति आत्म-कल्याण की उच्च भूमिका प्राप्त नहीं कर सकता।

इन्द्रियो ने अच्छे से भी अच्छे प्राणी की दुर्दशा कि है । मनुष्य संयमी रहकर इन्द्रियोंं को वश में कर सकता है। श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया कि धर्मसभा में महासाध्वी धर्मप्रभा की प्रेरणा पर अनेक बहनों और भाईयों ने श्री पार्श्व पद्मावती एवं सिध्दी तप के एकासन व्रत कियें।

जिनका साहूकार पेठ एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, महामंत्री सज्जनराज सुराणा, सुरेश डूंगरवाल, मोतीलाल ओस्तवाल, हस्तीमल खटोड़, महावीरचन्द कोठारी, महावीर ललवाणी, शांतिलाल दरणा, भरत नाहर, माणकचन्द खाब्या, अशोक कांकरिया, सुभाषचन्द कांकलिया, शम्भूसिंह कावड़िया, कमल खाबिया, पदमचन्द खाबिया, बादलचन्द कोठारी आदि पदाधिकारियों और महिला मंडल की बहनों ने एकासन व्रत करने वाले सभी तपस्वियाओ की तप की अनूमोदना करतें हुए अभिनन्दन किया। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया कि साध्वी मंडल की प्रेरणा पर पैसठिया यंत्र के.घरो -घरों मे जाप किये जा रहें है।

प्रवक्ता सुनिल चपलोत

एस. एस जैन संघ साहूकार पेठ चैन्नई

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