पद्मश्री आचार्य डॉ. चन्दना श्री जी ताई मॉं के मंगल आशिर्वाद एवं दर्शनार्थ पहुंचा आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ का विश्वस्त मंडल! उपाध्याय श्री यशाजी म.सा. ने सुनायी ताई मॉं की पंचास वर्ष की आध्यात्मिक एवं मानव सेवा की यशोगाथा! पुनाः आज आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ का विश्वस्त मंडल ताई मॉं आचार्य डॉ. चन्दनाश्री जी के दर्शन एवं मंगल आशिर्वाद लेने पहुँचा!
इस अवसर पर उपाध्याय श्री यशाजी ने ताई मॉं के संय्यम पथ को प्रशस्त करने वाले यात्रा की गत पंचास वर्षों में मानव कल्याण, शिक्षा, वैध्यकिय सेवा, नेत्र चिकित्सालय द्वारा आज तक लाखो मरीज़ों को नेत्र ऑपरेशन, ग़रीबों के लिए विरायतण द्वारा प्रदान की जानेवाली विविध सेवाओं की विस्त्रुत जानकारी दी! इस अवसर पर अपने मौलिक उद् भोदन मे आचार्य डॉ. चन्दनाश्रीजी ने विरायतण द्वारा पावापुरी, कच्छ , अमेरिका, यूरोप में जारी विविध शिक्षा क्षेत्र में जारी प्रकल्पो की जानकारी देते हुये जहॉं जहॉं देवालय, जिनालय है वहाँ वहॉं विद्यालय बने और जैनियोने शिक्षा क्षेत्र मे अग्रेसर बनने का एहलान किया!

आपके साथ जुड़ी साध्वी मंडल विविध स्थानो पर शिक्षा क्षेत्र मे अग्रेसर बनने का प्रयास कर रहे है, ज्योकि विविध भाषाओंपर अपना प्रभुत्व रख रही है! ऐसे ज्ञान दान के क्षेत्र मे हम सबो से साथ एवं सहयोग की अपेक्षा की! अपने मनोगत मे श्री संघ के अध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी ने डॉ. चन्दनाश्री जी , पु. शिलापी जी म.सा. से “ नवल- विरायतण” के निर्माण में जुड़ी यादोका ज़िक्र किया!
पद्मश्री उपाधि से नवाज़ा जाने के बाद मा. प्रंधानमंत्री नरेंन्द्र जी मोदी से ताई मॉं के संवाद का एवं पहला नागरी सन्मान महावीर प्रतिष्ठान मे आयोजन का, तिर्थंकर भ. महावीर स्वामी जी के 2500 वर्ष पुर्व पावापुरी की अंतिम धर्मदेशना के भांडारकर इन्स्टिट्यूट में आयोजन का गौरवपूर्ण शब्दोमे वर्णन किया! 89 वे जन्मदिवस पर कच्छ मे 24 से 26 जनवरी 2025 आयोजन किये जानेवाले समारोहपर श्री संघ एवं विश्वस्त मंडल द्वारा शुभकामनाएँ प्रेषित की!
इस गौरन्वित समारोह में पिंपरी चिंचवड़ एवं पुना परिसर से अनेक भक्त गण पहुँच रहे है यह विदित किया! पु. ताई मॉं के करकमलो द्वारा विरायतण ट्रस्ट द्वारा संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी एवं सभी विश्वस्तों को आशिर्वाद रुप मे शाल प्रदान की गयी! संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी संग श्री संघ के उपाध्यक्ष विजयजी गांधी, कोषाध्यक्ष नेनसुख जी मांडोत, महामंत्री राजेंन्द्र जी छाजेड, पुर्वाध्यक्ष जवाहर जी मुथा, विश्वस्त पोपटलालजी कर्नावट, सुर्यकांतजी मुथीयान, मोतीलालजी चोरडीया, राजेंन्द्र जी कटारिया, प्रकाशजी मुनोत उपस्थित थे!