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आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी का स्वर्ण दीक्षा दिवस संघ समर्पण दिवस के रुप मे मनाया गया 

आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी का स्वर्ण दीक्षा दिवस संघ समर्पण दिवस के रुप मे मनाया गया 

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान मे भावी आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी का स्वर्ण दीक्षा दिवस संघ समर्पण दिवस के रुप मे स्वाध्याय भवन मे मनाया गया |

श्री वीरेन्द्र कांकरिया ने तत्वों का स्वाध्याय किया | संयम-हस्ती-हीरा- महेंद्र चालीसा की सामूहिक स्तुति के पश्चात श्राविका मण्डल ने मंगलाचरण किया | श्रावक संघ के अध्यक्ष प्रेमकुमारजी कवाड ने सभी श्रावक -श्राविकाओं का स्वागत करते हुए भावी आचार्यश्री के गुणगाण किये | श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने रविवारीय सामूहिक सामायिक मे जिनवाणी के स्वाध्याय, रत्न स्वर्ण वर्ष मे श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान मे पोरसी, लोगस्स व णमो सिद्धाणँ की माला अभियान की जानकारी देते हुए भावी आचार्यश्री के चरित्रमय जीवन पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम प्रस्तुत किया और पूनमल्ली क्षेत्र से 14100 पोरसी के प्रत्याख्यान के संकल्प करवाने हेतु नवरतनजी कवाड को संघ की ओर से हार्दिक साधुवाद ज्ञापित किया |

अखिल भारतीय श्रावक संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री पी एस सुराणा ने भावी आचार्यश्री के बाल्यकाल से चरित्रमय जीवन मे बारह प्रकार की निर्जरा के घटित होने पर प्रकाश किया | युवक परिषद के शाखा प्रमुख सन्दीपजी ओस्तवाल ने भावी आचार्यश्री का जीवन खुली पुस्तक की तरह बताते हुए गुणगाण किये | श्राविका मण्डल से जयन्तिजी बागमार, शशीजी कांकरिया, रिन्कू बागमार, फुलवंतीजी छाजेड़, इन्द्राजी, राजकंवरजी व हेमलताजी बोहरा ने रत्न स्वर्ण महोत्सव एवं भावी आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी के जीवन पर सुन्दर गीतिका प्रस्तुत की |

स्वर्ण दीक्षा महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ स्वाध्यायी लेखक, रचनाकार, कवि व मोक्षद्वार के सम्पादक गौतमचन्दजी ओस्तवाल, बेंगलुरु ने भावी आचार्यश्री महेन्द्रमुनिजी के बाल्यकाल वैराग्यकाल, गुरुसेवा, विनम्रता से ओतप्रोत सिद्धान्तमय जीवन का उल्लेख करते हुए गुणगाण किये और रत्न स्वर्ण महोत्सव के तमिलनाडु मे शुभारम्भ होने पर रत्नवंश की गौरवशाली परम्परा मे प्रथम आचार्य रत्नचंद्रजी म.सा से वर्तमान आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा के जिनशासन मे योगदान व अन्य सम्प्रदाय के मूर्धन्य महापुरुषों के संग मधुर संबंधो के अनेक उद्दरण स्वर्ण दीक्षा महोत्सव के प्रसंग पर रखेl जिनवाणी के भोपालगढ़ मे प्रकाशन व पुण्यधरा मे 14 सन्तो द्वारा किये क्रियोद्वार व 21 बोलो की मर्यादा- सामाचारी व संघ के गठन की विस्तृत जानकारी सभा मे रखते हुए श्रावक संघ तमिलनाडु व उनकी सहयोगी संस्थाओं के प्रयासों से चेन्नई तमिलनाडु मे चल रही धार्मिक,-आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए साधुवाद ज्ञापित किया | धर्मसभा का सफल संचालन संघ के पूर्व मन्त्री ज्ञानजी बागमार ने किया |

श्री पी एस सुराणा ने चेन्नई मे आठ स्थानो पर गतिमान बालक- बालिकाओं के रविवारीय संस्कारीय शिविर हेतु छह माह के लिए प्रभावना सहयोग देने की घोषणा की | स्वाध्यायी बन्धुवर सुमेरजी बागमार ने विभिन्न तपस्याओं के प्रत्याख्यान करवाएं | मांगलिक गौतमचंदजी ओस्तवाल ने सुनाई | श्री अनोपचन्दजी बागमार ने महापुरुषों,चरित्र आत्माओं की जयजयकार की | इस प्रसंग पर वेपेरी, पुरसवाकम, तिरुवानमियूर, पूनमल्ली, पेरंबूर, कालाडीपेट, किलपाक, कुररुक्पेट, चूले, एग्मोर, पार्कटाउन आदि चेन्नई महानगर के अनेक क्षेत्रों से श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर तीन-तीन सामायिक की साधना की | मुख्य वक्ता गौतमचन्दजी ओस्तवाल, संपादक मोक्षद्वार ज्ञानपत्रिका का पी एस सुराणा के संग श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, युवक परिषद तमिलनाडु के पदाधिकारीगण द्वारा शाल्यार्पण, माल्यार्पण व नवकार मन्त्र का स्मृति चिन्ह मोमेन्टो रुप मे भेंट करते हुए स्वागत-अभिनन्दन किया गयाl

प्रेषक :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु

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