चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि जिन शासन में अमृत का बरसता होता है अब तय आप को करना है कि इसको अपनाना है या नहीं। अमृत के बरसात में डुबकी लगा कर अशुद्ध मन को साफ कर लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो एक दिन में भी अमृत से जीवन को बदल लेते हैं और कुछ लोग चार महीने में भी अमृत के बरसात में डुबकी नहीं लगा पाते हैं। जीवन की सच्चाई से पीछे भागने बाले जीवन मे कभी आगे नही जा पाते है।
दो कदम आगे बढ़ जाया जाए तो जीवन मे बदलाव संभव हो सकता है। पवित्रता बोलने से नहीं करने से होती है। गुरु के मुख से पवित्रता की ज्ञान का श्रवण करने का मौका मिला है तो समझो कि बहुत ही भाग्यशाली हैं। यह जिनवाणी मनुष्य के जीवन की सहयोगी बनेगी।
गलत कर्मो को नष्ट करने में इसका बहुत बड़ा रोल होगा। लेकिन उसके लिए जिनवाणी श्रवण करने में अपना सहयोग देना चाहिए। साध्वी सुविधि ने कहा आज हम 31वें अगम मिसित सूत्र में पहुच चुके हैं। इस सूत्र के माध्यम से मनुष्य भूले भटके मार्गो से सही मार्ग पर पहुचता है।
उन्होंने कहा कि यह आगम सिर्फ साधु साध्वी ही पढ़ सकते है लेकिन सब साधु साध्वी नहीं पढ़ सकते है। जिन साधु साध्वी की उम्र 16 वर्ष हो वही यह सूत्र पढ़ सकते है। इसलिए आगमो में इस सूत्र का बहुत बड़ा रोल माना जाता है। इसके माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को निश्चित ही बदल सकता है।
अगर विधि से न पड़ा जाए तो मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता है। इसलिए इसे बहुत ही सावधानी से पढ़ना चाहिए।चातुर्मास समापन समारोह एवम वीर लोकाशाह जयन्ती 12 तारीख को होगी ,धर्म सभा मे अध्यक्ष आनंद मल छलाणी मंत्री मंगल चंद खारीवाल समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।