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उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता”पांच समिति तीन गुप्ति” पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा

उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता”पांच समिति तीन गुप्ति” पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा

स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के श्रमणाचार विषय अष्ठ प्रवचन माता”पांच समिति तीन गुप्ति” पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा

30 नवम्बर 2025 रविवार को साहूकारपेट के चेन्नई में बेसिन वाटर स्ट्रीट स्थित स्वाध्याय भवन में स्वाध्याय अनुप्रेक्षा कार्यक्रम में श्रमण संघीय उपाध्याय श्री रमेशमुनिजी शास्त्री म.सा के जिनवाणी मासिक नवम्बर में प्रकाशित चिन्तन श्रमणाचार अष्ठ प्रवचन माता : स्वरुप और चिन्तन पर वरिष्ठ स्वाध्यायी आर वीरेन्द्रजी कांकरिया द्वारा स्वाध्याय- अनुप्रेक्षा की गई |

 वरिष्ठ स्वाध्यायी बन्धुवर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने स्वाध्यायी बन्धुवरों को संबोधित करते हुए कहा कि उपाध्याय रमेशमुनिजी ‘शास्त्री’ ने श्रमणाचार विषय चिन्तन अष्ठ प्रवचन माता स्वरुप में चिन्तन रखा हैं कि मुनि की माता अष्ठ प्रवचन माता हैं | समिति का अर्थ शुभ में प्रवृति करना व गुप्ति का अर्थ अशुभ से निवृति करना हैं | भाषा समिति में भाषा के चार प्रकार पर विस्तृत विश्लेषण करते हुए बताया कि श्रमण सोलह प्रकार की भाषा नहीं बोले व श्रमण को भाषा के दस दोष टालकर बोलना चाहिए | एषणा समिति के अंतर्गत साधु का आहार सैंतालीस दोष रहित होना चाहिए व आहार भी मूर्च्छा भाव से रहित होकर बिना स्वाद के भाव से करें | आहार शीघ्र मिले तो भी हर्ष नही करे व नहीं मिले तो भी विषाद नस करें | आदान भाण्ड मात्र निक्षेपणा समिति में मुनि के संयम साधना में उपयोगी रजोहरण,पात्र,मुँहपति व वस्त्र में भी ममत्व त्याग और यतना में विवेक लक्ष्य रहता हैं | परिष्ठापनिका समिति में परठने हेतु दस लक्षण युक्त विधान बताये | मनोगुप्ति की गति अति तीव्र हैं,भाषा का संस्थान वज्र जैसा हैं,कम्पन स्वभाव के कारण काय को स्थिर करना अति दुष्कर हैं | मन गुप्ति वचन गुप्ति व काय गुप्ति तीनों गुप्तियों को वश में करना दुष्कर हैं, साधक समिति व गुप्ति का यतना रखते हुए पालन करते हैं,उस पर विस्तृत प्रकाश किया |

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने बताया कि रत्न स्वर्ण महोत्सव के अंतर्गत स्वाध्याय अनुप्रेक्षा कार्यक्रम स्वाध्याय भवन साहूकारपेट चेन्नई में नियमित रुप से गतिमान हैं और उन्होंने स्वाध्यायीगण की उपस्थिति व स्वाध्यायी बन्धुवर श्री वीरेन्द्रजी कांकरिया को निरन्तर रुप से श्रुत सेवा प्रदान करने हेतु साधुवाद ज्ञापित किया |

श्री रुपराजजी सेठिया ने दैनिक संकल्प व प्रत्याख्यान कराये | स्वाध्यायी बन्धुवर श्री गौतमचन्दजी मुणोत ने मांगलिक सुनाई | इस अवसर पर दीपकजी श्रीश्रीमाल योगेशजी श्रीश्रीमाल लीलमचन्दजी बागमार वीरेन्द्रजी ओस्तवाल नवरतनमलजी चोरडिया पदमचंदजी श्रीश्रीमाल महावीरचन्दजी बागमार आदि स्वाध्यायीगण की उपस्थिति प्रमोदजन्य रहीं |

  प्रेषक : स्वाध्याय भवन 24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट साहूकारपेट चेन्नई |

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