चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता व अन्य साध्वीवृन्द के सान्निध्य में शनिवार को आचार्य शिवमुनि की 176वीं जन्म जयंती श्रद्धा व तप अभिनंदन के साथ मनाई गई। साध्वी कुमुदलता ने शिवमुनि को भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मात्र 24 वर्ष की उम्र में शिवमुनि ने माता-पिता की आज्ञा से दीक्षा लेकर ज्ञान के प्याले को पी लिया। उन्होंने यौवन अवस्था में दीक्षा लेकर जिनशासन की गौरव गरिमा को बढाया। वर्ष 1987 में डॉ. शिवमुनि को युवाचार्य घोषित किया गया। 1999 में उन्हें आचार्य पद से सुशोभित किया गया। फिर श्रमण संघ दो टुकड़ों में बंट गया। आचार्य शिवमुनि ने पुरुषार्थ किया और 1300 संतों का संघ बनाया। उन्होंने कहा, आचार्य शिवमुनि की जन्म जयंती से सीख मिलती है कि आषाढ महीने में पुण्यार्जन नहीं करेंगे तो जीवनभर पश्चाताप करना पड़ेगा। जिस प्रकार पेड़ से नीचे गिरकर पत्ता धूल ...
अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता व अन्य साध्वीवृन्द के सान्निध्य में 10 सितंबर को देवलोक गमन हुए जयगच्छाधिपति ग्यारहवें पट्टधर आचार्य शुभचंद्र की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। साध्वी कुमुदलता ने आचार्य के प्रति अपनी भावांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान की माटी के इतिहास का जितना वर्णन किया जाए कम है। करोड़ों में से एक व्यक्ति ही संयम पथ पर चलता है। आचार्य शुभचंद्र ने संयम पथ पर चलकर समाज को कई शिक्षाएं दी और मर्यादाओं का पालन करने का संदेश दिया। उनके पास ज्ञान और विनय का खजाना था। यह संसार एक सराय है और दुनिया उसी को याद करती है जो दुनिया को कुछ दे जाता है। इस माटी में कई महान संतों का जन्म हुआ है। उन्हीं में से एक संत पुरुष थे आचार्य शुभचंद्र जिनका जन्म पाली जिले में हुआ। जो दुनिया में आता है, वह जाता भी है। जैन धर्म में आचार्य शुभचंद्र की शिक्षा...
अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता व अन्य साध्वीवृन्द के सान्निध्य में शनिवार को रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया गया। ‘भाई बहन का प्यार, रक्षा बंधन का त्यौहर’ विषय पर मनाए गए इस पर्व में बहनों ने साध्वीवृन्द के समक्ष भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। इस दौरान लकी ड्रा के स्वर्ण राखी के विजेता व 10 रजत राखियों के विजेताओं को राखी प्रदान की गई। सबसे बड़ी राखी निर्माता का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के सहयोगी परिवार का अभिनंदन व सम्मान किया गया। साध्वी कुमुदलता ने रक्षा बंधन पर विशेष प्रवचन में कहा हमारी भारतीय संस्कृति पर्व और त्यौहारों की संस्कृति है। यहां विभिन्न प्रकार पर्व-त्यौहार मनाए जाते हैं और हर त्यौहार के साथ परंपराएं व इतिहास जुड़ा हुआ है। सावन महीने में मनाए जाने वाले रक्षाबंधन पर्व की व्याख्या करते हुए...