पर्युषण

हृदय शुद्धि और कषाय-मुक्ति का पर्व है पर्युषण – संत ललितप्रभ

मुंबई। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि पर्युषण भीतर के प्रदूषण को हटाने का पर्व है। बाहर के प्रदूषण से बीमारियाँ आती हैं और मन के प्रदूषण से परेशानियाँ आती हैं। इसलिए जितनी जरूरत बाहर के प्रदूषण को कम करने की है, उतनी ही जरूरत है भीतर के प्रदूषण को समाप्त करने की। संतप्रवर ने कहा कि पर्युषण हृदय शुद्धि और कषाय मुक्ति का पर्व है। 84 लाख जीवयोनियों से क्षमा मांगना सरल है, पर जिनसे हमारा मनमुटाव है या जिसका हमने और जिसने हमारा दिल दुखाया है उससे माफी मांगना सच्चा धर्म है। संवत्सरी का इंतजार करने की बजाय आज ही माफी मांगकर हिसाब चुकता कर लें। हम साल भर भले ही गरम रहें, पर अब तो नरम बन जाएं और मन में पलने वाली गांठों को दूर कर लें। जैसे गन्ने की गांठों में रस नहीं होता वैसे ही जो मन मेें दूसरों के प्रति गांठ पाले रखता है उसका जीवन भी नीरस बन जाता है। उन्होंने कहा कि गांठ बन जाने ...

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