कोयम्बत्तूर आर एस पुरम स्थित आराधना भवन में चातुर्मासिक प्रवचन की कड़ी में विमलशिष्य वीरेन्द्र मुनि ने जैन दिवाकर दरबार में धर्म सभा को संबोधित करते हुवे कहा कि जन्म जयंती व पुण्य स्मरण दिन किसका मनाते है, प्रतिदिन हजारों नये जन्म लेते है व मृत्यु को प्राप्त होते है, क्या, उनका मनाते है नहीं, जन्मजयंतीयाँ, या स्मृति दिवस उनका ही मनाते है, जिन्होंने अपने जीवन को देश जाती या धर्म के लिये कुर्बान किया हो। आज हम 3 महापुरुषों की जन्म जयंती मना रहे है और एक महापुरुष की पुण्यतिथि। ( 1 ) श्रमण सूर्य , श्रमण याने साधु ( मुनि ) सूर्य याने ( सूरज ) मुनियों में सूर्य के समान थे मरुधरा के महान संत पूज्य श्री मरुधर केशरी – मरुधर ( मारवाड़) में उनकी आवाज शेर की गर्जना की तरह थी। पूरे देश में आवाज गूंजती थी, पाली में शेषमलजी केशर बाई सोलंकी के घर जन्म लिया था माता का वियोग बचपन में हो गया था। भादरा जू...