युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरीस जोनसन से बिंनती है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोवा में रखी जॉर्जिया के यादें वापस लौटाई इन्टरनेशनल डायमंड डे के स्थापक हार्दिक हुंड़िया ने अमेरिका के प्रधानमंत्री कोे खत लिखकर माँग की है की, हमारे भारत देश की आन बान और शान कोहिनूर हीरा जो आप के टावर ऑफ लंडन के रोयल जेम्स एन्ड ज्वेलरी कलेक्शन में दुनिया की शोभा बढ़ा रहा है वह कोहिनूर हीरा हमारे देश भारत का है, कृपया वो हमारे देश को देने की कृपा करे । हार्दिक हुंड़िया ने युनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री को लिखे खत में कहा है, कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी ने विश्व को एक अनमोल कार्य करके भाईचारा का संदेश दिया है। उन्होने जॉर्जिया की अनमोल यादें , उनके इतिहास के कुछ यादगार पल जो देश के गोवा पर्यटक शहर में संग्रहित थी, वो यादें जॉर्जिया के प्रेसिडेंट को वापस लौटाकर उनके देश में खुशी ...
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा चेन्नई की वर्ष 2021-2022 कार्यसमिति की प्रथम बैठक होटल पकवान में सभा अध्यक्ष श्री प्यारेलाल पितलिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई। श्री हेमंत डुंगरवाल के मंगलाचरण से प्रारम्भ बैठक में पुर्वाध्यक्ष श्री पुखराज बड़ोला के श्रावक निष्ठा पत्र के सम्मुच्चारण के साथ सभी सदस्य संकल्पित हुए। सहमंत्री विकास सेठिया ने सभी सदस्यों को कार्यवाही के समय तक के लिए तिवीहार आहार ग्रहण करने के त्याग करवायें। स्वागत व्यक्तव्य में सभा अध्यक्ष श्री प्यारेलाल पितलिया ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए आगामी कार्यकाल में करणीय कार्यों की रुपरेखा प्रस्तुत करते हुए सदन के सहयोग, सहकार से संघ और समाज के विकास की बात रखी। श्री पितलिया ने आह्वान किया कि धर्मसंघ के सभी सदस्यों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ कर उनकी सारसम्भाल की जाएँ। परिस्थितियों की अनुकूलता होने पर संघबद्ध गुरु दर्शन के ...
दुर्ग/ आज आनंद मधुकर रतन भवन के आध्यात्मिक वातावरण में 5 वर्ष से 20 वर्ष तक के बालक बालिकाओं ने मां सरस्वती की आराधना एवं पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि के आशीर्वाद एवं विवेक मुनि एवं सतीश मुनि की प्रेरणा से आनंद मधुकर रतन भवन में मां सरस्वती पूजन का कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हुआ।कार्यक्रम को अरिहंत सिद्ध परमात्मा से आज्ञा लेकर प्रारंभ किया। मां सरस्वती की आराधना के लिए बच्चे सफेद परिधान में मुंह पत्ती बैठने के लिए आसन एवं सरस्वती पाठ के लिए फाटे की समुचित व्यवस्था श्रमण संघ दुर्ग द्वारा व्यवस्थित रूप से की गई थी। आज के सरस्वती पूजन कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक बालक बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। तपो मूर्ति श्री गौरव मुनि के मार्गदर्शन में आनंद मधुकर जैन पाठशाला की शिक्षिकाओं के सहयोग से हर्ष और उल्लास के वातावरण में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।...
साध्वीश्री ने तेयुप द्वारा आयोजित मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में दिया पाथेय बच्चे परिवार की शान है, समाज, राष्ट्र की उज्जवल खान हैं उपरोक्त विचार अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वाधान में तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई द्वारा तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में आयोजित मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में बालकों को मंत्र दीक्षा दिलाते हुए साध्वी अणिमाश्री ने कहें। साध्वीश्री ने आगे कहा कि बच्चों का जीवन कोरे कागज की तरह होता है। उस पर जैसे अक्षर लिख दिए जाए, वे अंकित हो जाते हैं। बच्चों के जीवन निर्माण का ज्यादातर समय मां के पास होता है। जो मां स्वयं संकल्पित रहती है, सहनशील होती है, स्वअनुशासित रहती हुई नम्र भाव से आध्यात्म, शालीनता, आत्मीयता के संस्कारों का बीजारोपण करती है, उन बच्चों का जीवन उच्च कोटि का होता हैं। साध्वीश्री ने कहा जीवन निर्माण और विकास के अनेक माध्यमों में एक सशक्त माध्यम है- मंत...
चेन्नई के आवडी स्थित जैन भवन में चातुर्मास विराजित स्पष्ट वक्ता प्रवचन प्रभावका परम पूज्य श्री सुशीला कवरजी मा सा आदि ठाणा 6 ने रविवारीय प्रवचन शृंखला में घर में रखने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि घर में अगर एक भी व्यक्ति अशांत हो तो पूरे परिवार को अशांत कर देता है। आज कल विज्ञान अपने जैन के ग्रंथों को हाथ में लेकर खोज कर रही है। पर जैन आपस में लडाई मे इतने व्यस्त हैं कि ग्रंथों को हाथ में लेने का समय नहीं है। ऐसे में हम सब अरिहंत कैसे बनेंगे। अरिहंत बने, भगवत बने हर प्राणी ऐसी बरसे प्रभु की जीनवाणी महासतीजी ने कहा। आज के प्रवचन धर्म सभा में लोग साहुकारपेट, अमबत्तूर, पूनमल्ली, पट्टाबीराम, पुरसवक्कम, तिरुवल्लुवर आदि कई क्षेत्रों से उपस्थित थे। तपस्या में श्री पंचव्याख्यान हुए। यहां नवकार महामंत्र का जाप भी चल रहा है। धर्म सभा का संचालन हीरा चंद्राका ने किया। कर्णाटक गज केसरी घोर...
दुर्ग/ आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला मैं आज आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में संत श्री गौरव मुनि ने गुरु की महिमा के संदर्भ में अपना प्रवचन केंद्रित रखा। छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनी, श्री सतीश मुनि, श्री विवेक मुनि जी महाराज के सानिध्य में चातुर्मास निर्विघ्नं संपादित हो रहे हैं। धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत श्री गौरव ने कहां गुरु के उपकार को हमें अपने जीवन के अंदर स्वीकार करना चाहिए। गुरु की उपमा देते हुए कहा गुरु नाविक होते हैं, गुरु भाविक होते हैं, गुरु शिल्पकार होते हैं, गुरु पथिक होते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में गुरु अपना मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। जीवन रूपी नैया को पार करने के लिए गुरु की शरण में जाना आवश्यक है। गुरु ही भाविक है जो हमें भाव पार लगाते हैं। जो आत्मा से परमात्मा की ओर जोड़ने की महत्वपूर्ण कड़ी है गुरु, पथिक है जो हमें जीवन पर्यंत हमारे पथ प्रदर्शक बने रहते...
आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री उज्जवलप्रभाजी ठाणा 4 के सान्निध्य में 262वां स्थापना दिवस विल्लुपूरम में मनाया हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती अंजली सुराणा के मंगलाचरण गीत से हुई। साध्वीश्री उज्जवलप्रभाजी ने अपने मंगल उदबोधन में फरमाया कि तेरापंथ स्थापना दिवस एवं गुरु पूर्णिमा का यह दिन बहुत ही शुभ दिन है। तेरापंथ का उद्भव एवं नामकरण का कुछ विलक्षण संयोग बना, जो किया नहीं पर अपने आप हो गया। स्वामीजी ने आगमिक चर्या तथा सिद्धांतों को अपनाया और उसी की प्रेरणा जन-जन को दी। लौकिक एवं लोकोत्तर धर्म के भेद पर प्रकाश डालते हुए शरीर एवं आत्मा के पोषण में भिन्नता का तथ्य सबको समझाया। साध्वीश्री अनुप्रेक्षाश्रीजी ने आराध्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देते हुए फरमाया कि हम सब तेरापंथ धर्मसंघ के अभिन्न अंग है और इस धर्मसंघ की संवर्धना के लिए सतत् जागरूक रहे ए...
तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तेरापंथ स्थापना दिवस का भव्य एवं संघप्रभावक कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा- आचार्य भिक्षु विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। वे प्रखर तपोबली, अटल मनोबली, अतुल योगबली, अथाह आगमज्ञानबली एवं प्रातिभज्ञानबली थे। उन्होंने अपनी विलक्षण मेधा से तेरापंथ की संख्या के आधार पर नहीं अपितु विलक्षण व्याख्या हुए कहा कि हे प्रभो! यह तेरापंथ। यह तुम्हारा पंथ है, हम तो मात्र इस पथ पर चलने वाले राही है। प्रभु के मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर अरावली की घाटियों पर आरोहण किया। चलते-चलते केलवा पहुंचे। आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जिनवाणी – सम्मत दीक्षा ग्रहण की। वही बेला तेरापंथ की आधारशिला के रूप में प्रतिष्ठित हो गई और तेरापंथ की स्थापना हो गई। साध्वीश्रीजी ...
दुर्ग कल 22 जुलाई से आनंद मधुकर रतन भवन दुर्ग में आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला प्रारंभ हो रही है। छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि उप प्रवर्तक श्री विवेक मुनि अपने साधु समुदाय के साथ आनंद मधुकर रतन भवन में विराजमान है। आज प्रातः 5:00 बजे से बकरीद के दिन करोड़ों मुक अबोल जीवो की हत्या हो जानी है। जीवों को सदगति मिले इस मनोकामना के साथ 25 घंटे का नवकार महामंत्र जाप जीव आत्मा की शांति के लिए डॉ सतीश मुनि संत गौरव मुनि के मार्गदर्शन में श्रमण संघ दुर्ग द्वारा किया जा रहा है। नवकार महामंत्र जाप अनुष्ठान जो कल प्रातः 6:00 संपन्न होगा श्रमण संघ दुर्ग के प्रचार प्रसार प्रमुख नवीन संचेती ने बताया इस आयोजन में वर्धमान सेवा मंच श्रमण संघ स्वाध्याय मंडल, श्रमण संघ महिला मंडल एवं श्रमण संघ बालिका मंडल सहित श्रमण संघ दुर्ग के सभी सदस्य अपनी प्रत्यक्ष उपस्थिति से इस जाप अनुष्ठान कार्यक्रम को संपन्न करेंगे।...
तेरापंथ भवन में हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हमारी धरती ऋषि परम्परा से जुड़ी हैं। उनकी साधना शक्ति से ओत:प्रोत धरती हमें विनम्रता, सहनशीलता, क्षमा के भावों से सरल बनाती हैं, उपरोक्त विचार तेरापंथ भवन, साहूकारपेट में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के अवसर पर साध्वी अणिमाश्री ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहें। साध्वीश्री ने आगे कहा कि जो जीवन का समयबद्ध नियोजन करता है, वहीं आत्मज्योति को प्राप्त कर सकता हैं। व्यक्ति को प्यास भी है, पानी बरस रहा है, हाथ में बर्तन भी हैं, लेकिन बर्तन को औंधा रखने पर पानी नहीं भर सका और प्यासा ही रह जाता हैं, इसी तरह हमें भी इस वर्षाकाल (चातुर्मास्य) में समय का नियोजन करते हुए चारित्र आत्माओं के सान्निध्य में अपने आप को नियोजित कर आत्मकल्याण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। साध्वी श्री ने आगे कहा कि हमारे मन में कोई भी बात हो सरल दिल से साधु-साध्वियों को विनम्र भाव स...
तेयुप का शपथ ग्रहण एवं ओसवाल गार्डन में नवीन ज्ञानशाला का हुआ शुभारम्भ ओसवाल गार्डन क्लब हाउस में साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई की नवगठित टीम का शपथ ग्रहण एवं नवीन ज्ञानशाला का शुभारम्भ हुआ। साध्वी श्री अणिमाश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि युवा परिवार की रीढ़ है, समाज का नवजीवन है एवं राष्ट्र का महाप्राण है। युवा परिवार, समाज, राष्ट्र को अपने श्रम से संवार सकता है, निखार सकता हैं। युवा वह दर्पण है, जिसमें मानवता प्रतिबंधित होती है। तेरापंथ युवक परिषद चेन्नई ऐसे युवाओं का संगठन है, जो समाज एवं संघ के लिए अपने समय श्रम एवं शक्ति का नियोजन कर रही है। अपनी संघनिष्ठा, गुरुनिष्ठा, समर्पण, भक्ति-शक्ति से गण अनुरक्ति के फूल खिला रही है। साध्वीश्री ने श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के नेतृत्व में चेन्नई शहर की 24वीं ज्ञानशाला का ओसवाल गार्डन में शुभारम्भ पर ...
मंगल विहार के पुर्व दिवस पर आयोजित हुआ मंगल भावना समारोह साध्वीवृंद सोमवार को करेगी चातुर्मासिक प्रवेश माधावरम् के जैन तेरापंथ नगर की इस पुण्य धरा पर आज भी पूज्य आचार्य प्रवर के ऊर्जामय परमाणुओं का अनुभव हो रहा है। माधावरम चेन्नई का तीर्थस्थल कहा जा सकता है। इस तीर्थ भूमि में हमारा 81 दिन का प्रवास आरोग्यवरदायी, साताकारी रहा। उपरोक्त विचार मंगल विहार से पूर्व तेरापंथी सभा, चेन्नई एवं माधावरम वासियों द्वारा आयोजित मंगल भावना समारोह में साध्वी अणिमाश्री ने कहें। साध्वी श्री ने आगे कहा श्रावक समाज न केवल यहां का, बल्कि सम्पूर्ण चेन्नई का श्रावक समाज संघनिष्ठ, गुरुनिष्ठ, समर्पित, आज्ञाकारी एवं सेवाभावी है। साधु-साध्वियों के दृष्टि की आराधना करने वाला है। मंगल प्रेरणा देते हुए साध्वी श्री ने कहा- हमारा मानव जीवन बड़ा दुर्लभ है। जीवन को सुखमय, शांतिमय, आनंदमय बनाने का प्रयास करे। मन की शांत...