श्री चन्द्रप्रभु जैन नया मन्दिर ट्रस्ट की आयोजना में आराधकों ने की आराधना
चेन्नई : श्री चन्द्रप्रभु जैन नया मन्दिर ट्रस्ट की ओर से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चेत्र मास के ओलिजी तप के आराधकों की आराधना के लिए श्री जैन आराधना भवन में आयम्बिल तप की आराधना करवाई गई।
श्री चंद्रप्रभ दादा की असीम कृपा से इस वर्ष की अद्भुत आराधना हुई। नौ दिवसीय इस आराधना में 450 ओलिजी आराधकों ने 4491 आयंबिल हुए।
प पू गच्छाधिपति आचार्य श्री उदयप्रभसूरिश्वरजी म सा के शिष्य रत्न प पू उपाध्याय श्री अभ्युदयप्रभ विजयजी म सा की निश्रा में चैत्र मास की शाश्वती ओलीजी व पारने का लाभ शिवगंज निवासी श्रीमति हुलासीबाई पुखराजजी कासम गोत्र तूर परिवार, शा विमलकुमारजी पुखराजजी ने लिया।
इस नौ दिवस में 450 ओलिजी के आराधको में 30 वर्ण की ओलिजी, 75 एक दिवसीय शुद्ध आयंबिल, 70 बाल आराधकों द्वारा एक दिवसीय आयंबिल, 20 आराधक 17 वर्ष से नीचे की उम्र वाले, इस प्रकार नौ दिन में कुल 4491 आयंबिल हुए।
इस तप आराधना में विभिन्न सेवा मंडलों के जोशीले कार्यकर्ताओ के सहयोग से अनुष्ठान में चार चांद लगा दिए। नित्य प्रवचन, श्रवण प्रश्नोत्री के पुरस्कार, नियमावली, आराधना पत्र आदि के आयोजन से ज्ञान वृद्धि हुई।
सभी आराधको का सामुहिक पारणा शुक्रवार को श्री जैन आराधना भवन में सुख शाता पूर्वक सम्पन्न हुआ। ट्रस्ट द्वारा लाभार्थी परिवार का तिलक, माला, शाल द्वारा बहुमान अभिनंदन किया गया एवम् सेवा भावी मंडल के सदस्यों, आराधकों का भी सम्मान किया गया।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती