चैन्नई माधावरम की पुण्य धरा पर* तेरापंथ धर्म संघ के ग्यारहवें आचार्य महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की मंगलमय सन्निधि में अभातेममं के 43वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आगाज कर्तृत्व की कलम से विकास के स्वस्तिक रचने वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा के नेतृत्व में हुआ।सुदूर क्षेत्रों से पधारीं केसरिया परिधान में सजी बहनों ने चीफ ट्रस्टी श्रीमती सायर बेंगाणी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा सहित सम्पूर्ण अभातेममं टीम के साथ संकल्प रैली के रूप में पूज्य आचार्यप्रवर का मंगल पाठ श्रवण कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया और श्रद्धा अर्पण करते हुए संकल्पों को ग्रहण किया ।
असाधारण महाश्रमणी साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा जी ने अधिवेशन के पूर्व अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि आधी दुनिया का प्रतिनिधित्व करने वाली नारी शक्ति संकल्प की डोर से बंधकर परिवार, समाज ,संस्था का विकास करें ।
संकल्पों का दौर -कदम सृजन की और उद्घाटन सत्र का प्रारम्भ प्रेरणा गीत के साथ रा.का.स. के संकल्पित स्वरों के साथ हुआ ।राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अधिवेशन के विधिवत उद्घाटन की घोषणा की ।संरक्षिका श्रीमती तारा सुराणा ने सभी को संकल्पों की उपसम्पदा दिलवाई ।
चेन्नई तेरापंथ महिला मंडल कि अध्यक्ष श्रीमती कमला गेलडा ने सभी का स्वागत किया, श्रीमती कुमुद कच्छारा ने अध्यक्षीय आह्वान में योगक्षेम संकल्प तक की यात्रा में सभी पूर्वाध्यक्षों के श्रम को याद किया ।नेतृत्व के नए कैलेंडर के रूप में स्वयम् के लिए इसे संघ सेवा का एक सुनहरा मौका मानते हुए सभी के प्रति प्रमोद भावना व्यक्त की ।
महामंत्री ने उपलब्धियों के दर्पण में संस्था को मिले “क्रांति सम्मान” ,तीन तीन विश्व कीर्तिमान , फिजियोथेरेपी सेंटर ,कन्या सुरक्षा सर्किल आदि के बारे में बताया ।बहनों के श्रम को नमन करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित की । इस सत्र का संचालन श्रीमती रमण पटवारी ने किया ।

द्वितीय सत्र -साधारण सभा
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा की अध्यक्षता में 43वीं साधारण सभा का आयोजन किया गया मंत्री प्रतिवेदन के रूप में उपलब्धियों के दस्तावेज को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने सन2017 -2018 के आय व्यय का ब्यौरा दिया । ट्रस्टी श्रीमती कनक बरमेचा ने CNGP के द्वारा बहनों को संवैधानिक जानकारी दी ।श्रीमती भाग्यश्री कच्छारा ने सुंदर संचालन किया ।
इस सत्र के दूसरे चरण में संस्थाओं की योजनाओंके अंतर्गत विशिष्ट कार्य करने वाले शाखा मंडलों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया और श्रीमती वीना बैद ने इसका संचालन किया
चेन्नई तेरापंथ महिला मंडल की बहनो की शानदार दो प्रस्तुतियाँ रही।।
*बेटी बचाओ – बेटी पढाओ*
*नये दौर की नारी*
*लिखेगी नई कहानी*
तृतीय सत्र शक्ति जागरण और नियोजन में संकल्प का महत्व
चेन्नै महिला मंडल के समवेत स्वरों गितीका के माध्यम से सत्र का शुभारम्भ हुआ ।संकल्प अधिवेशन संयोजिका रा.का.स. श्रीमती उषा बोहरा ने सभी का स्वागत किया । साध्वीश्री जिनप्रभाजी ने अपने दिशा दर्शन में फरमाया कि विकास के लिए ज्ञान और दर्शन दोनों जरुरी है इसलिए बहनें आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना से जुड़ने का लक्ष्य अवश्य रखें ।
मोटिवेटर श्रीमती नीरजा मल्लिक ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि भय को अपने ऊपर हावी मत होने दो ।प्रतिकूल स्थितियों में दिमाग को खुला रखकर दृढ विश्वास के साथ सोचें और कार्य करें ,टूटे नहीं ।
महाश्रमणी सा.प्रमुखा श्री कनक प्रभाजी ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि बहनें संभावनाओं व योग्यताओं को पहचानकर उनका विकास करें । सफलता का कमल कठिनाइयों के कीचड़ में ही खिलता है ,अतः बहनें संकल्पों की लौ को मंद नहीं पड़ने दें ।इस सत्र का सुन्दर संचालन उपाध्यक्ष श्रीमती सुनीता जैन ने किया ।
चतुर्थ सत्र – जगाएं संकल्प अवांछनीय प्रवाह को रोकने का
इस सत्र की मंगल शुरुआत कोयम्बटूर महिला मंडल के मंगल स्वरों के साथ हुई । साध्वी सुमतिप्रभा जी ने विषय पर प्रशिक्षण देते हुए फरमाया कि जब तक हम हमारी कमियों को नहीं देखेंगे ,तब तक हमारे भीतर सुधर की संभावनाएं कम होंगी ।पारिवारिक स्थितियों में जो अवांछनीय परिवर्तन हो रहें है ,उन्हें रोकने के लिए सहनशीलता, श्रमशीलता ,स्नेहशीलता संवादशीलता की जरुरत है । बहनें इस तरफ जागरूकता के साथ ध्यान दें ।
इसी क्रम में श्री के.सी. जैन ने स्वास्थ्य प्रशिक्षण देते हुए बताया कि सकारात्मक सोच और स्वास्थ्य का गहरा रिश्ता है । बीमारी की स्थिति में प्रेक्षा ध्यान को अपनाया जाए तो रोग से निजात पाया जा सकता है ।

शासन गौरव साध्वी श्री कल्पलता जी ने विशेष प्रेरणा देते हुए फरमाया कि दृढ़ मनोबल के साथ संकल्पित हो स्पष्ट लक्ष्य के साथ आगे बढे ।
साध्वीप्रमुखा श्रीजी ने पावन पाथेय में फरमाया कि अतीत को बदला नहीं जा सकता लेकिन भविष्य को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टियों से सुदृढ़ किया जा सकता है ।सपने ऐसे देखें जिन्हें पूरा किये बिना नींद न आये , नाकि नींद में सपने देखें ।
इस सत्र का संचालन श्रीमती निधि सेखानी ने किया ।
पंचम सत्र – बढे मौलिक चिंतन औरनिर्णायक क्षमता
जिन शासन केअम्बर में उड़ान भरें ,गीत से संकल्प की सुन्दर प्रस्तुति करते हए बीकानेर महिला मंडल ने मंगलाचरण किया ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती कुमुद कच्छारा के साथ EMPOWER MENT EXPRESS में ग्यारह महीने की यात्रा में बहनों ने क्या पाया इस विषय पर मुम्बई महिला मंडल ने शब्द चित्र के द्वारा सुन्दर प्रस्तुति दी ।बैंगलोर महिला मंडल ने सभीको गीत के द्वारा गुरुदेव के आगमी बैंगलोर चातुर्मास में पधारने का आमन्त्रण दिया ।
साध्वी श्री शशीप्रभाजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जो भी संकल्प लें,उनकी स्मृति बनी रहे । शुद्ध संकल्पों के साथ कामयाबी के शिखर छुएं ।
ट्रस्टी श्रीमती सूरज बरडिया ने GOLDके माध्यम से बहनों को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि हम प्यौर बने ।अपनी मौलिकता की रक्षा करें ।पहले स्वयं को पहचानें ,फिर दूसरों की तरफ देखें , देखा देखी न करें ।धरातल से जुड़कर ऊँची ऊडान भरें । आत्मावलोकन करें ।संस्था के प्रति निष्ठावान बने ।
इस सत्र का सुन्दर संचालन श्रीमती जयश्री जोगड़ ने किया ।
महाश्रमण समवसरण में अंतिम समापन सत्र जलती रहे संकल्पों की ज्योत में मुख्य मुनि महावीर मुनि ने प्रेरणा पाथेय में फरमाया कि महिला समाज की धुरी है ,उन्हें अपने भीतर पवित्र शक्तियों के जागरण का संकल्प लेना है आडम्बर ,प्रदर्शन मुक्त बनना है ।सतर्कता और जागरूकता से सामजिक बुराइयों को मिटाना है ।
इस अवसर पर पूज्य प्रवर ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया किअखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल तत्वज्ञान ,तेरापंथ दर्शन के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है ।शनिवार की सामयिक ,उपासक श्रेणी ,ज्ञानशाला से जुड़े
आदि बिंदुओं पर विशेष जोर दिया और आध्यात्मिक विकास के लिए आशीर्वाद प्रदान करवाया ।
चीफ ट्रस्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संकल्प प्रतिवेदन गुरु चरणों में समर्पित किया ।महामंत्री नीलम सेठिया ने तेरा तुझको अर्पण संस्था के विकास के स्वर्णिम स्वस्तिकों को शब्दाभिव्यक्ति दी ।
श्रीमती कुमुद कच्छारा ने इस एक वर्ष की यात्रा के प्रत्येक पड़ाव की सफलता को मात्र गुरु की ऊर्जा से मिले आर्शीवाद की ही फलश्रुति माना। 386 दिन के सफ़र में शाखा मंडलों के श्रम की अनुमोदना की ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी उदारमना अनुदान दाताओं ,के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की । इस अधिवेशन को सफल बनाने में सहयोगी आ.महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष् श्री धर्मीचंद लुंकड और उनकी पूरी टीम ,चेन्नै महिला मंडल के अध्यक्ष कमला गेलडा और मंत्री शांति दुधोडिया और पुरी टीम चेन्नई तेयुप एवं सभी संस्थाओं ,मिडिया के अंतर्गत JTN, SS , here now for u, mmbg आदि सभी का आभार व्यक्त किया ।
गुरु सन्निधि में श्रीमती रश्मि बैद ,श्रीमती माला कात्रीला को सीतादेवी सरावगी प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया ।
उपस्थित सभी बहनो ने श्रीमती माला जी कात्रेला को बधाइयाँ सम्प्रेषीत की।
श्रीमती उषा चहवान ,श्रीमती संगीता खटेड ,श्री रमेश खटेड आदि का भी सम्मान किया गया सम्पूर्ण सहयोग के लिए।
इस अवसर पर देवराज मूलचंद नाहर चेरिटेबल ट्रस्ट बैंगलोर ,द्वारा भावना सेवा हेतु प्रदत्त बस का लोकार्पण भी किया गया । इस अधिवेशन में सभी सम्मानीय ट्रस्ट मंडल ,पदाधिकारीगण , कार्यसमिति सदस्यों ,चातुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष श्री धर्मीचंद लुंकड और चेन्नई महिला मंडल उनकी टीम की गरिमामयी उपस्थिति रही ।