चेन्नई : यहाँ विरुगमबाक्कम स्थित एमएपी भवन में चातुर्मासार्थ विराजित युवामनीषी प्रखर वक्ता पूज्य गुरुदेव श्री कपिल मुनि जी म.सा. के सानिध्य व श्री एस एस जैन संघ विरुगमबाक्कम के तत्वावधान में अहिंसा के अग्रदूत, विश्व चेतना के संवाहक पुरुष श्रमण भगवान महावीर स्वामी के 2545 वें निर्वाण कल्याणक के उपलक्ष्य में शुक्रवार से 21 दिवसीय श्रुतज्ञान गंगा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा । जिसके तहत् भगवान महावीर की अंतिम देशना श्री उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन और विवेचन किया जाएगा ।
पूज्य श्री कपिल मुनि जी म.सा. ने इस सूत्र की महिमा बताते हुए कहा कि यह पवित्र सूत्र सम्पूर्ण जैन आगम साहित्य का प्रतिनिधि शास्त्र है । इसमें भगवान महावीर ने अपने निर्वाण से कुछ समय पहले जो देशना दी उसका संकलन है ।
जैन धर्म में इस आगम की विशेष महिमा है । इसमें जीवन व्यवहार का सम्पूर्ण विज्ञान समाहित और जीवन निर्माण के सूत्र प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है ।
इसके पठन और श्रवण करने से ज्ञानावर्णीय कर्म का क्षय होता है । बुद्धि निर्मल होती है विचारों का परिष्कार होता है । एकाग्रता विस्तार पाती है । प्रतिवर्ष भगवान् महावीर के निर्वाण उत्सव पर उत्तराध्ययन सूत्र के वांचन की जिनशासन में एक स्वस्थ परंपरा प्रचलित है ।
इस श्रुतज्ञान गंगा महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित होकर भगवान् महावीर की अंतिम वाणी उत्तराध्ययन सूत्र को सुनकर अपने को धन्य अनुभव करते हैं । संघ के मंत्री महावीरचंद पगारिया ने बताया कि विरुगमबाक्कम में मंगलवार से आयोजित इस 21 दिवसीय उत्तराध्ययन सूत्र का वांचन और विवेचन प्रतिदिन सवेरे 8.30बजे से 10.00 बजे तक नियमित रूप से चलेगा ।