दुर्ग/ जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग मे भगवान जन्म वाचन एवं माता त्रिशला के 14 स्वप्न पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ भगवान महावीर के जीवन दर्शन पर प्रस्तुति दी। श्रमण संघ महिला मंडल श्रमण संघ बालिका मंडल एवं पाठशाला के छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी जिसे उपस्थित जन समुदाय ने बेहद सराहा।
भगवान जन्म वाचन के समय चुनरी उड़ाने की याद तपस्या की एवं जाप अनुष्ठान की बोली लगाई गई।
118000 नवकार महामंत्र की बोली श्री जितेंद्र कोचर ने ली। इसी तरह प्रदीप श्री श्रीश्रीमाल ने 81000 नमोथुण माला फेरने की बोली ली। 500000 गाथा स्वाध्याय करने की दो लोगों ने बोली ली।
इसी तरह माता त्रिशला के 14 स्वप्न की भोली भी त्याग और तपस्या के संकल्प लेने वालों को दी गई और इन तपस्वी ओं का सम्मान जुगराज नेमीचंद संचेती परिवार निर्मल कुमार मनीष कुमार मेहता परिवार मदनलाल श्री श्री माल परिवार सुरेश लुनिया परिवार संदीप रोहित सुराणा परिवार ने इन तपस्वीओं का चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया।
भगवान जन्म के पालना जी की बोली निर्मल बाफना परिवार ने लिया हर्ष हर्ष जय जय की ध्वनि के साथ पालना जी एवं 14 स्वप्न को श्री निर्मल जी बाफना के निवास में मंगल गीत गाकर हर्ष और उल्लास के वातावरण में श्रमण संघ परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में लाया गया और रात में भक्ति संध्या का आयोजन किया गया।
आने वाली आने वाले समय में दिनों में सिद्धि कब की तपस्या प्रारंभ होने जा रही है इन तपस्वी का सम्मान प्रेमचंद जयचंद प्रकाश चंद चौरड़िया परिवार करेंगे।
श्रमण संघ परिवार ने किया दीक्षार्थी अविरल का अभिनंदन
आई,आई,टी करके बेंगलोर में 3000000 का जॉब छोड़कर संयम मार्ग की ओर अग्रसर होने वाले साधक श्री अविरल भैया जोकि 14 नवंबर समवेत शिखर में दीक्षा लेने जा रहे हैं।
आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के संघ में दीक्षा लेने जा रहे अविरल भैया का धर्म सभा में अभिनंदन किया गया रतन मुनि महाराज एवं उनके शिष्य समुदाय ने दीक्षार्थी भाई के संयम जीवन प्रारंभ करने की घोषणा का स्वागत करते हुए धर्म सभा में उनके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की।
श्रमण संघ परिवार दुर्ग की ओर से पारसमल संचेती निर्मल बाफना जसराज पारख नेमीचंद नाहर प्रवीण श्रीश्रीमाल ने दीक्षार्थी का अभिनंदन किया।
दीक्षाथी श्री अविरल भाई ने अपने प्रेरक उद्बोधन धर्म सभा में व्यक्त करते हुए कहा गुरुकृपा से आज अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का मेरा मार्ग प्रशस्त हुआ है। मैं भी अपने आप को धन्य मांगता हूं कि मुझे सद्गुरु श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का पावन सानिध्य और आशीर्वाद मिला है कि मैं इस मार्ग की ओर अग्रसर हो सकूं गुरुदेव श्री इस उपकार का मैं जीवन पर्यंत ऋणी रहूंगा।
दिल्ली निवासी की दीक्षा संवेद शिखर तीर्थ में 14 नवंबर को होने जा रही है दीक्षार्थी अविरल भाई ने दीक्षा के प्रसंग पर समवैद शिखर सभी को आने का निमंत्रण देते हुए उनकी संयम जीवन की यात्रा निर्विघ्नं आगे बढ़ते रहे ऐसी मंगल कामना करने का निवेदन किया।