राजस्थान सिंहनी साध्वी डॉ चेतनाश्री की प्रेरणा से राष्ट्रसंत कमलमुनि की निश्रा में तपाभिनंदन समारोह संपन्न
उदयपुर। यहां आलोक संस्थान में रविवार को आगम मर्मज्ञ, राजस्थान सिंहनी श्रमण संघीय साध्वीश्री डॉ चैतनाश्रीजी की सुशिष्या साध्वी दिव्यश्रीजी के 108 उपवास का तप महोत्सव एवं तपाभिनंदन कार्यक्रम राष्ट्रसंत कमलमुनि ‘कमलेश’, दिगंबर संत आचार्यद्वयश्री सुंदरसागरजी, वैराग्यनंदनजी की पावन निश्रा में संपन्न हुआ। मेवाड़ अंचल के इतिहास में पहली बार हुई इतनी सुदीर्घ तपस्या की अनुमोदनार्थ देश के विभिन्न महानगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की।
श्री महावीर जैन श्वेतांबर समिति सेक्टर 11 के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में बतौर अतिथि राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, जैन कांफ्रेंस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नेमीचंदचोपड़ा, उदयपुर के मेयर चंद्रसिंह कोठारी, पूर्व राष्ट्रीय मंत्री विमलचंद धारीवाल, पारस छाजेड़, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य गौतमचंद धारीवाल, सुधीर जैन, मनोहरलाल बाफना, नरेश लोढ़ा, जवरीलाल कांकरिया, सम्पतराज शर्मा, महेंद्र चोरड़िया, रमेश श्रीमाली, कांतिलाल जैन, इंदौर, मुंबई, चेन्नई, अजमेर, पाली, कोटा सहित अनेक क्षेत्रों के विभिन्न संघ-समाजों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर आचार्यश्री डॉ शिवमुनिजी द्वारा तपस्विनी साध्वी दिव्यश्रीजी को तपोवारिधि, तपसूर्या, तपस्वी भास्कर, तपज्योति इत्यादि अनेक उपमाओं से अलंकृत कर आधार की चादर ओढ़ाई गई।
कार्यक्रम में राष्ट्रसंत कमलेश ने उपस्थित विशाल जनसमूह से साध्वीजी की तपस्या की अनुमोदना में पर्यावरण की रक्षार्थ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का संकल्प दिलाया। साथ ही गौ रक्षार्थ हर संभव सहयोग करने की सीख भी दी। उन्होंने कहा, प्रदूषण मुक्त समाज के निर्माण से ही हमारी प्रगति संभव है।
आचार्यवृंद ने भी सामूहिक एकता पर जोर दिया साध्वीश्री डॉ चेतनाश्रीजी ने तपधर्म को बेहद दुष्कर एवं कठिनतम साधना बताते हुए कहा कि यह पुण्य के दृढ़ बल से ही संभव है। पाट पर विराजित अन्य साध्वीवृंद एवं अनेक अतिथि बवक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रखे। स्थानीय संघ पदाधिकारियों व अतिथियों द्वारा संतों की निश्रा में आगामी दिनों में 3 गौशालाओं के शुभारंभ के फ्लेक्स विमोचन किए गए।
सभी का स्वागत आयोजन के मुख्य संयोजक केएल नलवाया एवं संरक्षक-अध्यक्ष शांतिलाल बाबेल ने किया। सभी आगन्तुक अतिथियों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हंसा हिंगड़ ने किया। कमलमुनिजी एवं साध्वीश्री दिव्यश्रीजी ने मांगलिक प्रदान किया। प्रज्ञा मंडल की सदस्याओं के मंगलाचरण वाचन से शुरू हुए कार्यक्रम में सभी का आभार सचिव हिम्मतसिंह दलाल ने जताया।