जालना : जप, तप वह शक्ति है जो कर्म के क्षरण को नष्ट करती है और जीवन की ऊर्जा भी जप, तप में छिपी है| कहा जाता है कि चातुर्मास महापर्व के दौरान किया गया यह पुण्य कार्य व्यर्थ नहीं जाता है| डॉ. श्री. गौतम मुनिजी म. सा. उन्होंने यहां बात की| गुरु गणेशनगर के तपोधाम में चातुर्मास के अवसर पर दादा गुरुजी श्री नंदलालजी म. सा और गुरुदेव प्रतापमलजी म. सा. उनकी स्मृति में सवा लाख लोग जप का आयोजन किया गया| इसलिए तपोधाम में आज कोई प्रवचन नहीं हुआ| डॉ. श्री. गौतम मुनिजी म. सा. बहुत संक्षिप्त में मार्गदर्शन किया|
इस समय बेंच पर अगमज्ञाता श्री. वैभवमुनिजी म. सा , उपदेश प्रभावक म. सा श्री. दर्शन प्रभाजी म. सा सेवाभावी श्री गुलाबकंवरजी म. सा सेवाभावी श्री हर्षिताजी म. सा मौजूद थे| दादा गुरुजी श्री. नंदलालजी म. सा. और गुरुदेव प्रतापमलजी एम. सा. इस अवसर पर उनकी स्मृति में डेढ़ लाख लोगस जाप के सम्मान में लकी ड्रा पद्धति से चौदह चांदी के सिक्के भेट स्वरुप रखे गये थे |
इसमें 100 ग्राम के टुकड़े, 50 ग्राम के टुकड़े, 30 ग्राम के टुकड़े और 11 दस ग्राम के टुकड़े थे| हालांकि आज सुबह से बारिश हो रही थी, रविवार को छुट्टी होने के कारण टीम में काफी भीड़ थी| इस अवसर पर श्रावकों के साथ युवक-युवतियों ने भी जप में भाग लिया| वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के पदाधिकारी, श्रावक-श्राविक, युवक-युवती बड़ी संख्या में उपस्थित थे| –