पांडिचेरी. एस.वी.एस जैन संघ में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा भ्रम पैदा करके मनुष्य अपने उज्ज्वल भविष्य को बेकार करने में लगा है। ऐसा करने के बजाय मनुष्य को गुरुभगवंतों के सानिध्य में जाकर दर्शन पूजा में ध्यान लगाना चाहिए। बहुत ही किस्मत से मनुष्य को गुरु का दर्शन मिलता है।
ऐसे में काम क्रोध को छोड़ कर प्रभु चरणों में ध्यान लगाने की जरूरत है। सच्चे लोगों के संगत पाकर मनुष्य अपने जीवन को धन्य बना सकता है। उन्होंने कहा बहुत ही सुंदर अवसर मिला है तो बदलाव करने का प्रयास कर लेना चाहिए। जो मनुष्य तप, जप, धर्म का लाभ लेते है वे अपने भव के सभी दुखों को मिटा देते है। हाथों की शोभा घड़ी और सोने के कंगन पहनने से नहीं बल्कि दान देने से होती है।
अपने हाथों की शोभा बढ़ाना है तो जीवन में दान करने से हाथ को पीछे नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा जिस प्रकार से धर्म के बिना जीवन अच्छा नहीं लगता उसी प्रकार से दान बिना हाथ भी अच्छे नहीं लगते है। अपने पूर्व पुण्य से आज अगर कुछ मिला है तो अपने हाथों से अपनी लक्ष्मी का सदुपयोग करना चाहिए।
ऐसा करने से मनुष्य अपने जीवन को सुंदर बना सकता है। दुनिया में आए सभी मनुष्य को कुछ करने का मौका मिलता है। जो उन मौको का लाभ उठा लेते हैं उनका जीवन बदल जाता है। जो एक मौके को छोड़ कर दूसरे मौके का इंतजार करते रहते है उनका इंतजार कभी खत्म ही नहीं होता है।