अपनत्व के भाव हमे सम्रुध्द बना सकते है! साध्वी स्नेहाश्री जी म. सा. आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण श्री संघ के प्रांगण मे महाराष्ट्र सौरभ उपप्रवर्तिनी पु. चंद्रकलाश्री जी म. सा. आदिठाणा का चातुर्मास धर्मआराधना- जप- तप के माध्यम से सुचारु रुप से मार्गस्थ है! लेने से ज्यादा देने के भाव रखे! अपनत्व से संबंध मधुर बनते है! ज्यो हमे मिला है उसे स्विकारने के भाव हम मे चाहिए! यह सभी जीवन को सम्रुध्द बना सकते है!
साध्वी पु स्नेहाश्री जी म.सा. ने अपने प्रवचन मे फर्माया! आज के धर्म सभामे सुश्राविका अर्चना जी राजेंन्द्र जी लुणावत ने 26 उपवास के प्रत्याख्यान गुरुमॉं के मुखान्वे ग्रहण किये जिनके मासखमण के भाव है! और शिरुर से पधारी राखी संजयजी कोठारी जिनका पाँचवाँ वर्षितप जारी है उन्होंने भी प्रत्याख्यान लिये! दोनों तप आराधको का सन्मान श्री संघ के द्वारा विश्वस्तो ने किया! संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने तपस्वीयों का एवं बाहरगांव से पधारे भक्तजनों का स्वागत किया!



