Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

हम ही हैं अपने सुख-दु:ख के निर्माता : मुनि सुधाकर

हम ही हैं अपने सुख-दु:ख के निर्माता : मुनि सुधाकर

माधावरम्, चेन्नई ; आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकरकुमारजी एवं मुनि श्री नरेशकुमारजी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित विघ्न विनायक दु:खहर्ता – सुखकर्ता : हम कैसे बने विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री सुधाकरजी ने कहा – हर व्यक्ति अपने भाग्य का विधाता स्वयं होता हैl अपने सुख दु:ख का निर्माता भी स्वयं होता हैl अपनी जीवन नौका डुबाने वाला एवं नौका को पार लगाने वाला वह स्वयं हैl अपने उत्थान एवं पतन का जिम्मेदार भी स्वयं है l किसी दूसरे पर दोषारोपण करना अज्ञान एवं अन्याय हैl जिस दिन व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी करना सीख लेता है, वह दुखहर्ता, सुखकर्ता बन जाता हैl

   पहले तोलो, फिर बोलो

मुनि श्री ने आगे कहा कि जीवन की सफलता के लिए बड़ा सोचो, विराट सोचो, उच्चा सोचोl *सफलता का रहस्य है, ज्यादा सुनो, कम बोलो।* भाषा का संयम एवं विवेक हमारे व्यक्तित्व में निखार लाता हैl पहले तोलो, फिर बोलो, यह व्यक्ति जीवन में चरितार्थ करें। भाषा से संबंध बनते भी है, बिगड़ते भी हैl भाषा में विराटता उच्चता, सौम्यता एवं मधुरता होनी चाहिएl

 मुनिश्री ने सफलता का एक और रहस्य बताते हुए कहा कि कुछ बातों को याद रखना धर्म है, तो कुछ बातों को भूलना धर्म हैl हमें जीवन में गंभीरता का विकास करना चाहिएl मुनि श्री ने अनेकों छोटे-छोटे सूत्रों के माध्यम से यह बताया कि हम विध्न विनायक दुखहर्ता सुखकर्ता कैसे बन सकते हैंl

मुनि श्री नरेशकुमारजी ने सुमधुर गीतिका का संगान करते हुए कहा कि व्यक्ति को नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए, सकारात्मक विचारों से ही अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण संभव हैl इस अवसर पर प्रायोजक श्री गौतमचंद प्रिंस संजय सुहान कटारिया परिवार का ट्रस्ट बोर्ड की ओर से सम्मान किया गयाl इसी कड़ी में भवन सहयोगी अनुदानदाताओं का भी सम्मान किया गया।

  समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

  मीडिया प्रभारी : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट, चेन्नई

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar