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हम कथाकार नहीं, साधना के बल पर दुनिया को संस्कार व नई दिशा दिखाने पैदा हुए हैं : राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजयजी म.सा.

हम कथाकार नहीं, साधना के बल पर दुनिया को संस्कार व नई दिशा दिखाने पैदा हुए हैं : राष्ट्रसंत डॉ वसंत विजयजी म.सा.

“1400 प्रकार के महाभोग अर्पण से कृष्णगिरी में मां पद्मावती हुई प्रसन्न”

लक्ष्यप्राप्ति नवरात्रि महामहोत्सव कृष्णगिरी में मां करा रही भक्तों को साक्षात दर्शन 

कृष्णगिरी। विश्वविख्यात शक्तिमय पतित पावन श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम कृष्णगिरी में श्रीचमत्कारीणी नागरानी देवी मां पद्मावतीजी को नवरात्रि पर्व पर प्रिय पंचमी तिथि एवं शुक्रवार विशेष 1400 प्रकार के नैवेद्य व्यंजनों का महाभोग अर्पण कर प्रसन्न किया गया। लक्ष्यप्राप्ति नवरात्रि कृष्णगिरी महामहोत्सव के तहत शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की दिव्य पावन निश्रा में दुनिया के 9 देशों व भारत के 27 राज्यों के सर्व धर्म समाज के हजारों श्रद्धालु अपने दुख, संकटों से मुक्त होकर प्रसन्नता व सुख का अद्भुत अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। यही नहीं मां श्रद्धालु भक्तों को पूज्य गुरुदेवश्रीजी के सान्निध्य में जप, साधना के दौरान अतिदिव्य रूपों में साक्षात दर्शन देकर सच्ची श्रद्धा, भक्ति और विश्वास को ओर बलवती कर रही है।

10 दिवसीय इस आयोजन के पांचवें दिन श्रीमद् देवी भागवत कथा में पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने अपने अमृतमयी प्रवचन में कहा कि धर्म कभी दो नहीं होते। इस धरा पर सबसे बड़ा धर्म दया है। वे बोले हमारे धर्म में इतनी शक्ति है कि भक्ति मात्र से सर्व संकटों से छुटकारा मिलता है तथा सुख समृद्धि प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि मां का आंचल हर गुनाह माफ कर देता है। उन्होंने कहा कि संत कभी किसी धर्म पंथ से नहीं बंधा होना चाहिए। अपने बेबाक एवं दबंग अंदाज में राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज ने कहा कि जो पंथ, गच्छ की अथवा विघटन की बात करें उनके पास भी नहीं जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जहां जाने पर अच्छे संस्कार मिले, जीवन सर्वोत्तम, मन पवित्र बने तथा जीने का तरीका और तमन्नायें मिल जाए ऐसे संतों की निश्रा में सदैव आगे बढ़ते हुए जीवन सार्थक करना चाहिए। सिद्ध साधक राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज ने यह भी कहा कि वे कोई कथाकार नहीं है, साधना के बल पर दुनिया को संस्कार देने, समृद्धवान बनाने व नई दिशा दिखाने पैदा हुए हैं।

व्यक्ति के जीवन में समृद्धि कुंजी यानी गुरु एवं चंद्र को बलवान करने वाले अर्थात् 48 दिनों में चमत्कारिक परिणाम के साथ हर संकट बाधा को मिटाकर आनन्द व ऐश्वर्य दिलाने वाले गोल्ड व सिल्वर के साइको सिंबल से अवगत कराते हुए अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम में पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने प्रतिदिन की भांति विधिवत् बटुक, कन्या व सुहागिन पूजा की। ऊटी के श्रीमती कल्पना अशोक रामपुरिया परिवार ने आरती व हवन यज्ञ का लाभ लिया। श्रीमती सरोजा शिल्पा वीरभद्र अभिनव शास्त्री परिवार ने मां को विशाल 1400 प्रकार के विविध महाभोग अर्पण का लाभ लिया। इस मौके पर दिल्ली व दक्षिण भारतीय कलाकारों ने श्रीकृष्ण सुदामा, महाकाली शिव पार्वती सहित विभिन्न प्रकार की धार्मिक सांस्कृतिक झांकियां प्रस्तुत की। शाम के सत्र में हवन यज्ञ में आहुतियां दी गई तथा रात्रि में सामूहिक हजारों दीपों से मां की महाआरती की गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत वेरीफाइड यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया।

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