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हमारी साधना करने के बाद यदि विराधना का नाश होता है तो ही हमारी साधना मोक्ष देने वाली होती है: मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.

हमारी साधना करने के बाद यदि विराधना का नाश होता है तो ही हमारी साधना मोक्ष देने वाली होती है: मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.

🏰☔ *साक्षात्कार वर्षावास* ☔🏰

          *ता :28/7/2023 शुक्रवार*

     श्री राजेन्द्र भवन, चेन्नई  में विश्व वंदनीय प्रभु श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरीश्वरजी महाराज साहब के प्रशिष्यरत्न राष्ट्रसंत, उग्र विहारी प. पू. युगप्रभावक आचार्य श्रीमद् विजय जयंतसेनसुरीश्वरजी म.सा.के कृपापात्र सुशिष्यरत्न श्रुतप्रभावक मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा. के भव्य वर्षावास के प्रवचन का आनंद लीजिए।

~ हमारी साधना करने के बाद यदि विराधना का नाश होता है तो ही हमारी साधना मोक्ष देने वाली होती है।

~ संघ और शासन रक्षा वो परम अमृत है कि उसके पीने से साधक की संयम रक्षा और जीव रक्षा भी बलवान बनती है।

~ हमारा जितना तन, मन, धन, लोगों की, समाज की, शासन की सेवा में समर्पित होता है वह जीवन को देवता भी वंदना करते हैं।

~ जो मानव तन और मन से बलवान, सामर्थ्य वान, ऊर्जावान है वही धर्म की, समाज की, राष्ट्र की सुरक्षा कर सकता है।

~ जब इंसान की आंतरिक शक्ति में भगवान प्रकट होते हैं वो मानव ही मृत्यु से भी निडर होकर स्वयं का संपूर्ण बलिदान दे सकता है।

~ जो मानव हिंसक मनवाला है वह स्वयं के जीवन में कोई भी जीवो के प्रति दया भाव, प्रेम, करुणा भाव नहीं रख सकता।

~ सत्य का मार्ग है कठिन लेकिन बहुत ही सुख दायक है जिस पर चलने से जीवन में मूलभूत परिवर्तन होता ही है।

~ प्रभु महावीर ने क्रूर हिंसक मन को बदलने के लिए दया करुणा भाव का परम धर्म दिखाया है। उदा: श्री शत्रुंजय तीर्थ की रक्षा के लिए और मोहम्मद बेगड़ा कि क्रूरता का नाश के लिए, बारोट ने स्वयं के जीवन का बलिदान दिया था।

~प. प. प्रभु श्रीमद् विजय राजेंद्र सूरीश्वरजी मा. ने अभिधान राजेंद्र कोष लेखन से श्रेष्ठ शासन सेवा की थी।

    *”जय जिनेंद्र-जय गुरुदेव”*

🏫 *श्री राजेन्द्रसुरीश्वरजी जैन ट्रस्ट, चेन्नई*🇳🇪

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