Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

हमारी मुस्कान हमारे चेहरे पर भगवान का हस्ताक्षर है : देवेंद्रसागरसूरि

हमारी मुस्कान हमारे चेहरे पर भगवान का हस्ताक्षर है : देवेंद्रसागरसूरि

परेशानियों को हल्के रूप में लेना और हंसते-मुस्कराते छोटी-छोटी खुशियों को जी भर जीना ही असली अर्थों में जीना है। हंसना-मुस्कराना कभी किसी दौर का मोहताज नहीं रहा है। लेकिन इन दिनों अस्त-व्यस्त जीवन शैली, भागती दिनचर्या और अनिश्चितता व असंतोष में डूबे मनुष्यों के लिए हंसते-मुस्कराते रहना मुश्किल हो गया है उक्त बातें आचार्य श्री देवेंद्रसागरसूरिजी ने श्री सुमतिवल्लभ जैन संघ में प्रवचन देते हुए कही वे आगे बोले कि जिंदगी एक दौड़ सी बन गई है।

समय के साथ आदमी भी जैसे बस भागता जा रहा है। सुबह से शाम तक एक पड़ाव के बाद दूसरा पड़ाव। दूर-दूर तक ठहराव का कोई बिंदु ही नहीं। ऐसे में जब मन में सबसे आगे निकलने का घमासान छिड़ा हो तो हंसी के लिए समय ही कहां बचेगा। हमने सहज रहना छोड़ दिया है और जो सहज नहीं है उसके लिए हंसना भी संभव नहीं है। बिना हंसी जीवन तनाव से भरा हुआ और बोझिल होता है।हंसने से बचने के पीछे यह धारणा भी है कि गंभीर दिखने से व्यक्तित्व आकर्षक बनता है।

अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ या परिवार के सदस्यों के बीच खुल कर हंसी-दिल्लगी करने से पद की गरिमा और बड़प्पन पर विपरीत असर पड़ सकता है। जब इस तरह की सोच बन जाए तो होठों पर हंसी आ ही नहीं सकती। हमारी नकारात्मकता इतनी बढ़ गई है कि सामान्य रूप से हंसने वाली बात में भी तर्क ढूंढ लेते हैं और हंसी गायब हो जाती है। बदलते जीवन स्तर के कारण परिवार के सभी सदस्यों के अपने-अपने कमरे, टीवी, लैपटॉप और मोबाइल हो गए हैं। साथ उठना-बैठना ही नहीं होता, फिर साथ हंसना कैसे हो? ध्यान दें तो स्पष्ट होगा कि संसार हमें न हंसने के तमाम कारण मुहैया करा रहा है।

लेकिन हंसने की उससे कहीं ज्यादा वजहें हमारे पास मौजूद हैं। बस उन वजहों तक पहुंचने की जरूरत है। अपनी आत्मा को अपने हृदय से मुस्कराने दो और हृदय को अपनी आंखों से मुस्कुराने दो, ताकि उदासी से भरे हृदयों में अपार मुस्कराहट का प्रसार कर सके। यानी दूसरों को मुस्कराने का कारण देना भी मुस्कराने की एक बड़ी वजह हो सकती है। जब हम हंसते-मुस्कराते रहते हैं तो हमारे आसपास के लोग भी हंसते-मुस्कराते हैं। दूसरों के जीवन में खुशी लाने की इच्छा हमारे जीवन में खुशियों का सबसे बड़ा स्रोत बन जाती है।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar