आज विजयनगर स्थानक भवन में साध्वीश्री प्रतिभाश्रीजी म सा आदि ठाना 5 के सानिध्य में हमारी मातृभूमि जो स्वर्ग से भी महान है भारत वर्ष की आजादी के अमृतमहोत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया। साध्वी प्रेक्षाश्रीजी ने सभी से कहा कि हमारे पूर्वजों के बलिदान से हमें आजादी मिली है यह आजादी हमें अंग्रेजों की व्यातनाओं से मिली है, पर इससे हमारी देश के प्रति अभिक जिम्मेदारी व कर्तव्य बढ़ जाते हैं। हमने स्वतंत्रता को स्वछंदता के रूप में जान लिया। स्वतंत्रता अमृत के समान है, पर स्वछंदता जहर है। स्वछंदता अर्थात निरंकुश, मनमोझीपन, अनुशासनहीन व अमर्यादित, ऐसे व्यक्ति कभी राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी नही बन सकते। बल्कि देश को गुलाम बनाकर राज करने वाले अत्याचारों की तरह ही होते हैं।
राष्ट्र को ऐसे व्यक्तियों से ज्यादा खतरा है। जो स्वछंदता के नाम पर अपना खान पान, रहन सहन एवं अपने संस्कार व सिद्धान्तों को भी भुला देते हैं। स्वतंत्रता देश का गौरव है जबकि स्वछंदता अभिशाप है। स्वतंत्रता में राष्ट्र प्रेम, धर्मप्रेम, आत्मप्रेम होता है जो स्वछंदता में इसके विपरीत। साध्वीश्री ने यह समझाते हुए कहा कि आज जँहा हम स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव मना रहे हैं तो हम सब देशवासियों को यह संकल्प लेकर उन शहिदों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए कि हम राष्ट्र के प्रति सदैव वफादार रहकर स्वछंदता का परिचय न देकर इस अतः हमारा स्वतंत्र भारततियत से अभिमानित होंगे।
संघ के मंत्री कन्हैया लाल सुराणा ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए हंसते हंसते अपने सीने पर गोलियां खाकर कुर्बानी दी है वे मरे नहीं अमर हुए हैं, वे महापुरुष हुए हैं क्योंकि महापुरुष कभी अपने लिए नहीं जीते हैं। उनका तो जीवन ही दूसरों के सुख के लिए होता है,वे वीर अमर कहलाते हैं।जिन अमर शहीदों ने गोलियां खाई वे अच्छी तरह जानते थे कि मेरे गोली खाने से मैं स्वतंत्रता का जीवन में आनंद नहीं ले पाऊंगा, लेकिन उन्होंने दुसरो के आनंद व खुशी के लिए हंसते हंसते अपने प्राणों की कुर्बानियां दी। अतः हमारा राष्ट्र धर्म बनता है कि हम उनकी कुर्बानियों के लिए अपने राष्ट्र व धर्म के प्रति वफादार रहे। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।ज्ञानशाला के बच्चों ने आजादी की खुशी पर बहुत अच्छी संगीतमय प्रस्तुती दी।
ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार कोठारी ने अपनी कार्यकारिणी टीम के साथ व युवा संघ, महिला मंडल, बहु मंडल ने मिलकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का ध्वजारोहण किया व तत्पश्चात जैनध्वज भी फहराया व राष्ट्र गान से सलामी दी। साध्वीश्री प्रगिभाश्रीजी म सा ने इस शुभअवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मंगलपाठ सुनाया।