नागदा (निप्र)– महावीर भवन में महा सती पूज्य दिव्य ज्योति जी मसा ने कहां कि हमारा जीवन ओस की बारिक बूंदों के समान अल्पकालीन क्षणभंगुर है जैसे इन पर हवा का झोंका आया सूर्य की किरणें पड़ती है यह स्वत समाप्त हो जाते हैं।
भगवान महावीर ने फरमाया है संसार में जितने भी राग द्वेष धन-संपत्ति मकान दौलत हीरे जवाहरात चांदी सोना रुपया पैसा कुछ भी अपना नहीं है यह सब परए हैं इसलिए इन पर प्रमाद मत करिए क्योंकि समय किसी का नहीं होता । भगवान वाणी का श्रवण केवल भाग्यशाली व्यक्ति को ही मिलता है।
महासती नव्या श्री जी ने कहा कि पहले महिलाएं अपने सौभाग्य स्वरूप को सजाने के लिए शरीर पर संपूर्ण वेशभूषा एवं गहने पहनती थी उनकी सादगी में सभ्यता दिखती थी उनके गहनों की आवाजें चूड़ियों की खनखन आहट सुनाई देती थी लेकिन वर्तमान समय में उल्टा हो रहा है वर्तमान में महिलाएं सभ्यता पूर्वक नहीं रह रही है।
स्थानकवासी जैन समाज के मीडीया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि पूज्य महासती सौम्या श्री जी मासा के कठिन तपस्या मैं 21 वा अकासना तपस्या चल रही है जो मास खमण की ओर अग्रसर है वर्धमान तब जयमाला पीतलियां सामूहिक विकास ना चातुर्मास समिति अतिथि सत्कार का लाभ प्रकाश चंद्र जी राजेंद्र जी लुणावत जैन ने लिया संचालन राजेंद्र कांठेड़ ने किया एवं आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सावेर वाला ने माना।
दिनांक 14/10/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला