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स्व-स्वभाव में रहना ही वैराग्य: मुनि रमेश कुमार

स्व-स्वभाव में रहना ही वैराग्य: मुनि रमेश कुमार

दीक्षार्थिनी मुमुक्षु आंचल का मंगल भावना कार्यक्रम

जैन श्वेतांबर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन के तत्वावधान में मुनि श्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में शुक्रवार रात्रि में दीक्षार्थिनी मुमुक्षु आंचल बरडिया *( बेंगलुरु )* का मंगल भावना कार्यक्रम आयोजित हुआ ।
मुमुक्षु आंचल को आशीर्वाद प्रदान करते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा-* स्व- स्वभाव में रमण करना वैराग्य हैं । पर-भाव में रहना संसार है । उत्तम आत्म के हृदय में वैराग्य का अंकुश प्रस्फुटित होता है। वैराग्य का संबंध इस जन्म के साथ, पूर्व जन्म के संचित शुभ-संस्कार भी निमित्त बनते हैं । चारित्र मोह के उपशम या क्षयोपशम से व्यक्ति संयम जीवन स्वीकार करता है ।
आत्मा- तत्व का बोध हो, परिवार का शुभसंयोग हो और गुरुदेव की कृपा हो जाये तभी संयम जीवन स्वीकार किया जा सकता है । बेंगलुरु का सेवाभावी, संघ निष्ठ, बरडिया परिवार में मुमुक्षु आंचल का जन्म हुआ । बचपन से ही धार्मिक वातावरण मिलने से वैराग्य भावना जागृत हुई ।  तुम संयम जीवन को स्वीकार करके , सेवा, साधना, के साथ संघ निष्ठा के प्रति जागरूक रहते गुरु दृष्टि की आराधना करती रहोगी  । 
मुनि सुबोध कुमार ने कहा* इस संसार में मोह-ममता में सभी लिप्त रहते हैं । जिससे कषाय  बढता है । प्राप्त  भौतिक सुख-सुविधा को छोड़ कर कुछ भव्य आत्मा  संयम को अंगीकार करती  हैं । उसमें एक है मुमुक्षु आंचल । जिसकी आज आप  सभी अभ्यर्थना कार रहे हैं । यह साधना के साथ गुरु दृष्टि की आराधना में भी सजग रहेगी । 
दीक्षार्थिनी मुमुक्षु आंचल ने कहा – मेरे मन में वैराग्य का अंकुर बहुत वर्षों पूर्व उत्पन्न हुआ । चिन्तन करती मुझे भी दीक्षा लेनी है । एक बार  समणी वृंद की ऐसी प्रेरणा जिससे मेरी भावना ओर पुष्ट बन गई। आज मुझे आंतरिक आनन्द  की अनुभूति हो रही है की मुझे आचार्य श्री महाश्रमण जी जन्म भूमि पर  दीक्षा प्रदान करेंगे । वर्षों पूर्व संजोया स्वप्न गुरु कृपा से  सफल ही रहा है ।
संयम जीवन में सतत्  जागरूक रहती हुई । सदा धर्म संघ की सेवा करूं । धर्म संघ के लिए उपयोगी बनी रहूं । अपना कल्याण भी करुं ।  आज मेरे मंगल भावना पर एक संकल्प अवश्य करेंगें । उपस्थित सभी लोगों ने अपनी इच्छा अनुसार एक  संकल्प भी किया ।
इससे पूर्व ट्रिप्लीकेन तेरापंथ महिला समाज की बहनों ने मंगलाचरण किया । ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष बसंत लाल जी मारलेचा ने ट्रिप्लीकेन ट्रस्ट की ओर से स्वागत करते हुए संयम जीवन की मंगलकामना व्यक्त की । मंत्री सुरेश जी संचेती ने अभिनन्दन पत्र का वाचन किया । समाज के प्रमुख लोगों ने मुमुक्षु आंचल के पिता विनोद बरडिया को भेंट किया ।
मदनलालजी मरलेचा,  एवं  ट्रिप्लीकेन तेरापंथ समाज की  बहनों ने मंगल भावना गीत प्रस्तुत किया। नन्ही बालिका प्रगति सेठिया ने अपनी भावना व्यक्त की जिसे सुनकर श्रोताओं ने ओम अर्हम् की ध्वनि से उत्साह बढ़ाया । राजेश जी मरलेचा ने कार्यक्रम का कुशलता पूर्वक संचालन किया  ।
        *संप्रसारक* 
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई

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