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स्वाध्याय से जीवन को करें पवित्र: साध्वी सुमित्रा

स्वाध्याय से जीवन को करें पवित्र: साध्वी सुमित्रा

चेन्नई. कोडम्बाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन कहा कि खुद को निखारने का मौका आया है। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा तप आराधना कर खुद को निखार लेनी चाहिए। ऐसे मौके आने पर हमारे महापुरुषों ने खुद को निखारा था। कई वर्षों तक संयम का पालन करने के बाद संलेखना संथारा लेकर शिद्ध, बद्व और मुक्त हो गए।

महान पुरुषों का जीवन आसानी से महान नहीं हुआ है बल्कि उसके लिए बहुत तपे हैं। छोटे से छोटे मौके आने पर महान लोग तपने के लिए तैयार रहते हैं। जैसा महान लोग तपे है वैसे अगर नही तप सकते तो थोड़ा तो तपना ही चाहिए।

श्रावकों को शिष्टाचार में रह कर अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मों का भुगतान तो सभी को करना है जो मौका रहते कोशिश कर लेते हैं उनका जीवन सुधर जाता है। उन्होंने कहा कि स्वाध्याय मनुष्य को सुख दुख में समान रहना सिखाती है। स्वाध्याय करने वालों के मन में शत्रुता की भावना नहीं रहती है।

जिनके मन से गलत काम करने की भावना खत्म हो जाती है उनका कल्याण का मार्ग खुलने लगता है। परमात्मा कहते हैं कि स्वाध्याय करने से ज्ञान की रुकावट खत्म हो जाती है।

जब मनुष्य स्वाध्याय करेगा तो उसकी दृष्टि भी बदल जाएगी। इससे अशुभ विचार नष्ट होते हैं और शुभ विचार आने लगते हैं। बताये मार्ग का जो अनुसरण करेगा उसका जीवन बदल जायेगा।

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