आषाढ़ कृष्ण द्वितीया- दूज दिनांक 13 जून 2025, शुक्रवार को साहूकारपेट बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट स्वाध्याय भवन में रत्नवंश का क्रियोद्वार दिवस संघ समर्पण दिवस के रुप में मनाया गया वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने श्रुतधर खण्ड में वर्णित चैत्यवासी परम्परा का वर्णन करते हुए रत्नवंश की सामाचारी पर प्रकाश किया |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने कहा कि आज ही कि तिथि विक्रम संवत 1854 की आषाढ़ कृष्ण द्वितीया को रत्नवंश के प्रथम पट्टधर के रुप में आचार्य पूज्यश्री गुमानचन्द्रजी म.सा ने अपने शिष्य रत्न रत्नचंद्रजी म.सा के सहयोग से राजस्थान की पावन धरा बडलु जिसे वर्तमान में भोपालगढ़ के रुप में जाना जाता हैं,उस पावन धरा में तेरह सन्तों के संग इक्कीस बोलों की मर्यादा रखते हुए क्रियोद्वार किया | जिन इक्कीस बोलों के साथ क्रियोद्वार किया गया,उन बोलों की सुश्रावक कवि विनयचन्द कुम्भट ने छन्द रुप में रचना की हैं | क्रियोद्वार एतिहासिक प्रसंग पुण्य धरा भोपालगढ़ के स्थानक में अंकित हैं |
इस पावन प्रसंग पर श्रावक संघ के उपाध्यक्ष स्वाध्यायी गौतमचन्दजी मुणोत कोषाध्यक्ष अम्बालालजी कर्णावट,स्वाध्याय संघ जोधपुर के सहसंयोजक एकान्तर तपस्वी साधक नवरतनमलजी बागमार स्वाध्यायी कांतिलालजी तातेड़,लीलमचन्दजी बागमार कमलजी चोरडिया पदमचन्दजी दीपकजी योगेशजी श्रीश्रीमाल रुपराजजी सेठिया उच्छबराजजी गांग आदि स्वाध्यायीगण की सामायिक परिवेश में प्रमोदजन्य उपस्थिति रही | तीन मनोरथ चिंतन,जैन संकल्प सामुहिक व्रत-नियम-प्रत्याख्यान के पश्चात श्रमण भगवान महावीरस्वामी,आचार्य भगवन्तों,उपाध्याय भगवन्त, भावी आचार्यश्री साध्वी प्रमुखा चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग क्रियोद्वार दिवस कार्यक्रम सम्पन्न हुआ |
प्रेषक : आर नरेन्द्र कांकरिया, स्वाध्याय भवन 24/25- बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट चेन्नई, तमिलनाडु