आज 24 अक्टूबर 2023 को आचार्य भूधरजी म.सा की पुण्य तिथि श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में तप-त्याग पूर्वक स्वाध्याय दिवस के रुप मे सामायिक साधना के रुप में मनाई गई | स्वाध्यायी बन्धुवर आर वीरेन्द्र कांकरिया ने सामायिक के पाठो के अर्थ का विश्लेषण किया |
श्रावक संघ, तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने आचार्यश्री भूधरजी म.सा के जीवन चरित्र पर प्रकाश करते हुए कहा कि राजस्थान के नागौर में माणकचंद जी-रुपादेवी मुणोत परिवार में जन्मे भूधर बाल्यकाल से ही साहसी,वीर थे और सोजत में फौजियों के अफसर के रुप में आप नियुक्त हुए | कंटालिया ग्राम में 84 डाकुओं से लड़ते हुए विजयी बने,इस युद्ध के धटनाक्रम में आपके प्रिय ऊंट की गर्दन को एक डाकू ने शस्त्र से काट दिया, इस युद्ध में तड़प कर हुई मृत्यु को देखकर उन्हें संसार से विरक्ति हो गई व श्री धन्नाजी म.सा का संयोग पाकर आचार्यश्री धर्मदासजी म.सा के पास दीक्षित हुए |
दीक्षित होने के पश्चात पंचोले-पंचोले की तपस्या करने लगे वे स्वमत और परमत के प्रकाण्ड विद्वान थे | भीषण गर्मी में बालू रेत में घोर आतापना लेते वक्त रामा नामक किसान ने उन पर लाठियां चलाकर उन्हें लहु लुहान कर दिया,नगरवासियों ने रामा को पकड़ कर दण्डित करने का निर्णय लिया पर क्षमाधारी श्री भूधरजी म.सा ने उस को छोड़ देने को कहा | दिल्ली के बादशाह भम्रवश शहजादी को मृत्यु दण्ड सुनाने वाले थे पर जैन मन्त्री के कहने पर निर्णय रोका और मालव प्रदेश जाकर गुरुदेव भूधरजी म.सा से निवेदन किया, उन्होंने बादशाह के भम्र को दूर किया और शहजादी को भूलवश दिए जाने वाले मृत्युदण्ड से बचाया | कार्याध्यक्ष ने गुणगाण करते हुए बताया कि भूधरजी के नौ विशिष्ट विद्वान, कवि,त्यागी शिष्य रत्न हुए जिनमे रघुपतिजी म.सा, जैतसीजी म.सा,जयमलजी म.सा व कुशलचन्दजी म.सा की परम्परायें प्रमुख रही |
श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष ने समय-समय पर श्रमण परम्पराओं में आई हुई शिथिलताओं व तंत्र-मन्त्रों व सिद्धियों के दुरुपयोग पर प्रकाश करते हुए वीर लोकाशाह की क्रान्ति उपकार व शुद्ध परम्परा के लिए दिए हुए योगदान व उपकारों की चर्चा धर्मसभा में करते हुए संवत 1666 में प्रथम क्रियोद्वारक श्री जीवराजजी म.सा के द्वारा किये गए क्रियोद्वार के पश्चात श्री लवजी म.सा, आचार्यश्री धर्मदासजी म.सा श्री धन्नाजी म.सा से चली आ रही परम्पराओं व जिनशासन में दिए योगदानों का उल्लेख करते हुए आचार्यश्री भूधरजी म.सा के चरित्रमय जीवन का वर्णन किया | दीपक श्रीश्रीमाल ने जीवन सूत्र व कांतिलाल तातेड़ ने जैन संकल्प कराया |
श्रावक संघ के उपाध्यक्ष अम्बालाल कर्णावट ने नियम व प्रत्याख्यान करवाये | आर. नरेन्द्र कांकरिया ने मंगल पाठ सुनाया | धर्मसभा में पुष्पलता गादिया,रुपराज सेठिया, गौतमचंद मुणोत,योगेश श्रीश्रीमाल,लीलमचन्द बागमार की सामायिक परिवेश में उपस्थिति रही | तीर्थंकरों, आचार्य भगवन्तों,उपाध्याय भगवन्त, भावी आचार्यश्री साध्वी प्रमुखा चरित्र आत्माओं की जयजयकार संग आचार्य भूधरजी म.सा की पुण्यतिथि सुसम्पन्न हुई |
# प्रेषक : श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु 24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट, चेन्नईl