स्वाध्याय आत्म कल्याण की कुंजी! संघ समाज के सहारे ही वर्षावास की सफलता- डॉ. राज श्री जी आज आकुर्डी स्थानक भवनमें “ पुच्छिसुणं” जाप के 18वाँ गाथा का संपुट डॉ. मेघाश्रीजी ने करवाया! इस गाथा की माला फेरने से घर-परिवार, संघ- समाज के झगड़े समाप्त हो सकते है!
साध्वी समिक्षा श्री जी ने “ पानी की नदियॉं सरसर बहती जाये, जीवन का संदेश सुनाये” यह सुंदर भजन सुनाया! साध्वी जिनवाणी श्री जी ने अपने उद् भोदन मे “ मंज़िल पाने के लिए ख़ुशी मत खो देना “ यह कहते हुये SMILE PLEASE इस संज्ञा पर प्रवचन देते वक्त S-Satisfaction(समाधान) – Morality- नितिमत्ता I-Intiligence ( होशियारी/ बुध्दीमत्ता) L-Love ( प्रेम/प्रित) E-Energy (शक्ति) जीवन में हॉंसी कभी खोनी नहीं चाहिए!
हम बिना टिकट/ बिना रिझर्वेशन गुरु भगवंतो के साथ महात्माओं के साथ जुड़ सकते है! आज मुंबई से ओसवाल उत्कर्ष मंडल का संघ दर्शन यात्रा के लिए आकुर्डी स्थानक भवनमे अध्यक्ष प्रविण जी लुणावत, कार्याध्यक्ष अनिलजी खिवंसरा, सहमंत्री विजयजी जैन ओस्तवाल एवं अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ़्रेंस की पुर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा रुचिरा जी सुराणा के नेत्रुत्व मे 51 धर्मप्रेमी भाई बहनों ने महासतीजी डॉ. राज श्री जी म. सा आदि ठाणा चार के प्रवचन, दर्शन, मंगल आशिर्वाद लिए! साध्वीव्रंद ने साधुवाद प्रदान कर उत्कर्ष मंडल द्वारा किये जाने वाले सामाजिक उपक्रमोकी सराहना की!
इस अवसरपर रुचिराजी सुराणा एवं प्रविँणजी लुणावत ने संघ द्वारा चातुर्मास कालीन आयोजित कार्यक्रमोकी सराहना की ! श्री संघ द्वारा ओसवाल उत्कर्ष मंडलके पदाधिकारी प्रविंण जी, अनिल जी, विजयजी, सुरेश जी पिचा, दिनेश जी पारख को नवाज़ा गया! पुजा भंसाली जी ने संघ सन्मान में एक स्तवन पेश किया! संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी ने ओसवाल उत्कर्ष मंडल के हर परिवार सदस्य के साथ पारिवारिक मधुर संबंधोका जिक्र कर स्वागत सन्मान कर दर्शन के प्रथम चरण आकुर्डी संघ से प्रारंभ करनेका धन्यवाद अदा किया!