श्री श्वेतांबर स्थानकवासी बावीस संप्रदाय जैन संघ गणेश बाग जैन स्थानक में विराजित साध्वी डॉ. श्री रुचिका श्री ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए हमारी दिनचर्या नियमित होनी चाहिए।
प्रातः सूर्योदय से कम से कम एक घंटा पहले उठे और उठते ही बिस्तर त्याग दें। ऐसा नहीं कि आलस्य में पड़े हैं bed tea मंगवा रहे हैं bed tea तो bed tea है। आप तो मुस्कुराइए ऐसा मुस्कुराइए की अंग अंग खिल उठे। दूसरा काम उठकर अपने माता-पिता या जो भी छोटे बड़े हो उनको वंदन एवं अभिवादन करें।
हल्का योगा , प्राणायाम और फिर हल्का नाश्ता और बाद में सात्विक भोजन ले। क्योंकि खाना शुद्ध है तो खानदान भी शुद्ध होगा। sound mind in sound body अर्थात स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है। हमारा मन प्रसन्न होगा तो वचन भी प्रसन्नता के निकलेंगे। प्रसन्नता के वचन होंगे तो काया स्वस्थ रहेगी।
अतः तीनों प्रसन्न रहेंगे तो हम स्वस्थ रहेंगे। उससे पूर्व जिनाज्ञा श्री ने फरमाया कि जिंदगी दो दिन की है 1 दिन है आप के हक में और 1 दिन है आपके खिलाफ जो दिन आपके हक में हैं उसमें गरूर मत करना और जो आपके खिलाफ है उस दिन थोड़ा सबर जरूर रखना ।
साधना के क्षेत्र में सुखी जीवन के सूत्र 3 शब्दों में कहे है पहला शम दूसरा दम और तीसरा नम। हम इंद्रियों के गुलाम नहीं मालिक बने। कहां है दिल्ली पर राज करना आसान पर दिल में राज करना मुश्किल। मंच का संचालन राजू भाई सकलेचा ने किया।