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स्वयं को बलवान बनाएं, दैवीय शक्तियां व गुरुकृपा अवश्य मिलेगी : डॉ वसंतविजयजी म.सा.

स्वयं को बलवान बनाएं, दैवीय शक्तियां व गुरुकृपा अवश्य मिलेगी : डॉ वसंतविजयजी म.सा.

राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. द्वारा विश्व इतिहास में पहली बार..

कार्यसिद्धि शक्तिपात ने कराया दुनिया के लोगों में कंपन, खुशबू का अहसास व दैवीय दर्शन

पंजाब के कीकरवालारूपा में पदार्पण आज, देवी भागवत महापुराण व हवन यज्ञ 9 से 

कृष्णगिरी। व्यक्ति को स्वयं को बलवान बनाए बगैर दैविक शक्ति नहीं मिल सकती। दिमाग में गलत धारणाओं, गंदी सोच, उल्टे तथा नकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। सकारात्मक एवं अच्छी सोच के साथ कार्य करने वालों की मदद ईश्वर भी करते हैं, यही नहीं गुरु की कृपा का भी वे पात्र बनते हैं। यह कहा कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने।

वे यहां विश्व विख्यात शक्तिमय पतित पावन श्री पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम में विश्व इतिहास में पहली बार विजयदशमी की अर्धरात्रि में धनदायक अमृत सिद्धियोग में स्वयं द्वारा वैश्विक स्तर पर अति दिव्य कार्यसिद्धि मंत्र शक्तिपात के अवसर पर अपना अमृतमयी प्रवचन दे रहे थे। साधना के शिखर पुरुष, योगीराज डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने इस दौरान विभिन्न बीज मंत्रों से आकाश से पाताल तक ब्रह्मांडिय ऊर्जा में मंत्र शक्तिपात प्रवाहित किया। कृष्णगिरी तीर्थ में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं सहित यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारण देखने वाले दुनिया भर के लोगों ने मूंदी हुई आंखों से इस अद्भुत शक्तिपात से शरीर में कंपन का एहसास किया, विभिन्न रंगों के दृश्य देखे, अनेक प्रकार की खुशबू महसूस की तथा अनेक देवी–देवताओं, शिव–शक्ति सहित पूज्य गुरुदेवश्रीजी के भी दर्शन किए।

शक्तिपात ने बड़ी संख्या में लोगों के शरीर की नकारात्मक एवं बुरी शक्तियों, भूत–प्रेत बाधाओं, तंत्र आदि से मुक्त कर हजारों लोगों को प्रगतिपरक खुशनुमा जीवन का आशीर्वादी प्रसाद प्रदान किया। इस मौके पर राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि मनी इज एनर्जी अर्थात् जब विज्ञान ने भी आज इस बात को मान लिया है कि रुपए में यानी धन में भी ऊर्जा है तो हर चीज में ऊर्जा है। ऊर्जा की यही तरंगे आध्यात्मिक शक्तियों के साथ साधक संतो द्वारा ही लोगों के आरोग्यमय, तेजोमय, सुखमय जीवन के लिए प्रवाहित की जाती है, जिसे उन्होंने भी अपनी वर्षों तक 20–20 घंटों की साधना के बल पर प्राप्त कर लोक कल्याण हेतु शक्तिपात के माध्यम से दिया। उन्होंने कहा कि शक्ति के विभिन्न स्वभाव है, जो कि कानों में आवाज से, बंद आंखों से या विभिन्न देवी–देवताओं के दुर्लभ दर्शन से प्राप्त होते हैं जो कि विश्व के किसी भी कोने तक पहुंचाई जा सकती है।

पूज्य गुरुदेवश्रीजी द्वारा इस शक्तिपात को लंदन, यूएसए, कनाडा, यूके, दुबई, नेपाल, अमेरिका व मलेशिया सहित भारत के विभिन्न राज्यों के शहर कस्बों में लाइव देखने वालों ने अनुभव कर कमेंट के माध्यम से पूज्य गुरुदेवजी के वंदन के साथ विविध चमत्कारों को साझा किया। कार्यक्रम में बेंगलूरु के वीरभद्र शास्त्री परिवार ने गुरु पूजन, अभिषेक, आरती का दिव्य लाभ लिया। आयोजन के समापन से पूर्व श्रीआदिशक्ति राजराजेश्वरी मां पद्मावतीजी की हजारों दीपों से सामूहिक महाआरती की गई। सभी श्रद्धालु भक्तों को पूज्य गुरुदेवजी ने स्वयं अपने हाथों से प्रसाद वितरण कर श्रेष्ठ संस्कार, समृद्धि परक तथा राष्ट्रहित में जीवन के योगदान का आशीर्वाद प्रदान किया।

पूज्य गुरुदेवश्रीजी का फाजिल्का के कीकरवालारूपा में पदार्पण आज

राष्ट्रसंत परम् पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराजा शुक्रवार, 7 अक्तुबर को हवाई मार्ग से बेंगलुरु से चंडीगढ़ होते हुए पंजाब राज्य के फाजिल्का जिले के कीकरवालारूपा कस्बे में पहुंचेंगे। कीकरवालारूपा में 16 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण एवं हवन यज्ञ का भव्य कार्यक्रम आगामी 9 अक्टूबर से प्रारम्भ होगा। उल्लेखनीय है कि पूज्य गुरुदेवश्रीजी दीपोत्सव पर्व पर 25 अक्टूबर को यहीं विविध भक्तिमय धार्मिक आयोजनों के साथ गुरुभक्तों के संग मनाएंगे। डॉक्टर संकेश छाजेड़ ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु भक्तों ने पंजाब में इस आयोजन में शामिल होने हेतु निशुल्क पंजीयन कराया है।

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