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स्वयं का कार्य स्वयं कर करें पुरुषार्थ: साध्वी सिद्धिसुधा

स्वयं का कार्य स्वयं कर करें पुरुषार्थ: साध्वी सिद्धिसुधा
चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में चल रहे नवग्रह शांति जाप में शुक्रवार को शुक्र जाप हुआ।
साध्वी सुविधि ने ठाणाग सूत्र का विवेचन करते हूए  कहा कि मनुष्य जितना पुरुषार्थ करेगा उतना ही उसके कर्मो की निर्जरा होती जाएगी। वर्तमान में लोग एक ग्लास पानी भी लेने के लिए दूसरो को बोलते है।
लेकिन ऐसा करने पर पानी देने वालो के कर्मों की निर्जरा होती है और मांगने वालों को पाप लगता है और कर्म बंधते चले जाते है। जितना कर्मो का बंध होगा मनुष्य उतना ही समस्याओ से घिरेगा। जीवन मे आगे जाना है तो स्वयं का कार्य स्वयं कर कर्मो की निर्जरा कर लें।
उन्होंने कहा कि जब मनुष्य के जीवन से उसके पुण्य के कार्य समाप्त होंगे तो जीवन नर्को की ओर बढ़ने लगेगा। सुखी जीवन के लिए मनुष्य को स्वयं का कार्य स्वयं कर पुरुषार्थ करते रहना चाहिए। ऐसा करने वालो के जीवन से पाप समाप्त हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आगमो की वाणी को जितना हो सके जीवन मे उतार लें। उसके सही और गलत का पता चल जाएगा। जब मनुष्य को सही गलत का पता चलेगा तो निश्चय वो सही मार्ग पर बढेगा। साध्वी समिति ने कहा कि मनुष्य पाप के मार्गो पर बढ़ते हुए जितना मजा ले रहा है उतना ही उसे सजा भी भुगतना पड़ेगा।
 उन्होंने कहा कि नवपद आयंबिल आराधना में श्रीपाल मैना के चारित्र से मनुष्य संसार के स्वरूप को समझ सकता है। कथा के माध्यम से मनुष्य का जीवन बदल सकता है। इसको ध्यान से समझ कर उसके अनुरूप चलने का प्रयास करना चाहिए।
आयबिल तप कर अपने शरीर को सूध्द कर सकता है, अपनी जीभ पर विजय पा सकता है, रविवार को  दोपहर 1 बजे बच्चो के लिए आदीनाथ क्वीज होगी, धर्म सभा मे पंकज कोठारी, लूणकरण सूराणा,रिखब चंद ललवानी समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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