सेलम शंकर नगर स्थित जैन स्थानक में चातुर्मासिक प्रवचन की अमृतधारा बह रही है जैन दिवाकर दरबार में विमलशिष्य वीरेन्द्रमुनि ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत की आजादी का दिन है ! आज के दिन भारत अंग्रेजो के बंधन से मुक्त हुआ हमारा भारत मुगल सम्राटों वह आज भारत अंग्रेजी के बंधन से मुक्त हुआ।
हमारा भारत मुगल सम्राटों व अंग्रेजों की गुलामी में बंधा था करीब चार सौ 500 वर्षों से , परंतु हमारी आत्मा तो कर्मों की बेड़ियों से अनंत अनादि काल से बंधी है उसे आजाद करने का कभी सोचा या नहीं !भारत को आजाद करने के लिये बच्चे जवान बूढे – स्त्री और पुरुष सभी ने भरपूर सहयोग दिया तब जाकर आजाद हुआ !
भगत सिंह , ऊधमसिंह नेताजी सुभाष चंद्रबोष, मोतीलाल नेहरू लालबहादुर शास्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरू चंद्रशेखर आजाद लाला ख्यालीराम आदि सभी ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया कईयो ने भारत की आन बान शान के लिये अपने जीवन को कुर्बान किया !
स्वतंत्रता सेनानियों से इतिहास भरा पड़ा है झाँसी की रानी ने अंग्रेजी सेना से लोहा लिया – इसलिये कहते हैं खूब लड़ी मर्दानी , वो तो झांसी वाली रानी थी ! नेताजी सुभाष चंद्रबोष का नारा था , तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा ! मुनिश्री ने चंद्रशेखर आजाद के चूड़ी आंदोलन की घटी घटना भी सुनाई , इंदिरा गांधी का उदाहरण पेश किया भारत को आजादी दिलाने में हमारे पूर्वजो ने अपना खून पसीना बहाया है तो भारत की आजादी को अक्षुण्ण रखने के लिये भारतीय संस्कृति को बनाये रखना होगा !
हम विदेशी चीजों का बहिष्कार करें भारत में बनी चीजों का उपयोग करेंगे तभी हमारा भारत महान बन सकेगा ! हमें अपने भारतीय होने का गौरव होना चाहिये , व भारत की आन बान शान के लिये प्राणों की आहुति देने में कभी कमी नहीं करना चाहिए तभी हमारा भारत महान बन सकेगा हमें
शेष – अगले प्रवचन में