छल.कपट मे परमात्मा कि गई साधना ओर अराधना मानव की कभी पूरण नही होने वाली है.- प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज 5 अप्रेल सोजत सिटी। जब मानव के अशुभ कर्म करता रहेगा तब तक उसे मुक्ति का दरवाजा नही मिलने वाला है।
प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने नवदिवस आयंबिल ओली आराधना के अष्टम दिवस बुधवार को गुरूसेवा समिति मे सामूहिक आंयबिल करने वाले तपस्वियों और श्रध्दालूओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि आत्मा का अभ्युदय अगर करना है तो मन मे कपट रखकर धर्म आराधना करोगे तो वह साधना अधूरी रहने वाली है मंजिल तभी मिलेगी जब आचरण और व्यवहार के साथ इंसान के भाव शुध्द होने पर ही वह मोक्ष को प्राप्त कर पायेगा।
पंडित रितेश मुनि व बालयोगी अखिलेश मुनि ने कहा कि आत्मा को उत्कृष्ट बनाना है । तो धर्म के मार्ग पर चलो।
इसदौरान डॉ सुशील, उपप्रवर्तिनी मैनाकंवर, महासती इन्दुप्रभा आदि साध्वीयो ने धर्मसभा मे कहा कि संसार मे व्यक्ति की पूजा नही होती है उसके गुणों को पूजा ज्याता है ।
श्री मरूधर केसरी गुरूसेवा समिती के अध्यक्ष नवरतमल सांखला ने जानकारी देते हुये बताया कि आयंबिल आराधना महोत्सव मे पधारे गौतमचन्द कवाड़, पदमचन्द ललवानी धनराज काठेड़, शांतिलाल चौपड़ा, संपतराज तातेड़ आदि अनेकों अतिथियों का केवलचन्द धोका, प्रकाश चन्द, पदमचन्द, कस्तूरचन्द, महेन्द्र कुमार, शांति लाल, विकास कुमार धोका,मोहनलाल,बाबूलाल बोहरा,सुध्यान चन्द तालेड़ा, प्रवीण बोहरा, ललित पंगारिया, राजेश कोरिमूथा, सुरेश चन्द बलाई आदि सभी पदाधिकारियों ने अतिथियों को श़ोल माला पहनाकर अभिनन्दन किया। गुरूवार को आयंबिल आराधना करने वाले तपस्वियों की अनुमोदना करते हुये समारोह मे सम्मान किया जायेगा।
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री मरूधर केसरी गुरू सेवा समिति सोजत सिटी