चेन्नई. ट्रिप्लीकेन स्थित तेरापंथ भवन में मुनि रमेश कुमार ने जीवन निर्माण सप्ताह के अन्तर्गत अपनायें सकारात्मक सोच विषय पर कहा सोच आदमी के जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है। सोच आदमी के जीवन की मूलभूत प्रेरणा है। सोच में ही शान्ति छिपी है, सोच में ही प्रगति है।
मैं सकारात्मक सोच का संदेश वाहक हूं। सकारात्मक सोच मेरा धर्म है, पुण्य, सद्गति, प्रतिष्ठा, द्वीप, व्रत, संकल्प और मेरा नजरिया है। सकारात्मक सोच मंत्र व तंत्र भी है, वही शक्ति, प्रगति, श्वास, विश्वास, धर्म, मोक्ष, शुभ, रहमान, महावीर व महादेव भी है।
यह मंत्र है जिसे आप भी अपनाइए और आपने परिवार को अपनाने की प्रेरणा दे। मुनि सुबोध कुमार ने कहा वर्तमान जीवन की अपेक्षा है हम वर्तमान में जीएं, परन्तु व्यक्ति वर्तमान में नहीं जीता है वह या तो अतीत में चला चला है या भविष्य के बारे में सोचता रहता है।
उन्होंने कहा, मनुष्य सब प्राणियों में श्रेष्ठ इसलिए है कि उसके पास मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी है जो अन्य प्राणियों में नहीं है। अपनी सोच को सही बनायें । वर्तमान में जीने का अभ्यास करें जिससे उसे जीने का आनंद मिले।