सॉंस बहुका रिश्ता मॉं बेटी जैसा हो! रिश्तो के फरिश्तो की कदर हो! गुरु भगवंत, महात्मा के दर्शन से पापों की निर्जरा होती है! – डॉ. राज श्री जी आज आकुर्डी स्थानक भवनमे “ पुच्छिसुणं” जाप के 20 वे गाथा का संपुट महासतीजी डॉ. मेघाश्री जी ने संप्पन्न करवाया!
साध्वी जिना ज्ञा श्री जी ने “ बुढ़ापे” पर सुंदर राजस्थानी भजन की प्रस्तुति की! आज वैभव संघवी द्वारा आयोजित पुना गुरु दर्शन यात्रा के चालीस भक्तगण दर्शनार्थ, प्रवचनार्थ आकुर्डी स्थानक भवन पधारे थे! अपने संदेश में डॉ. राजश्री जी म. सा. ने रिश्ते के मधुरता पर विशेष लक्ष्य केंद्रित करनेका एवं सदैव गुरु भगवंतोके दर्शन जिनवाणी सुननेका एहलान किया जिससे अपने पाप कर्मोकी निर्जरा होती है! वैभव संघवी ने गुरुभगवंतो द्वारा दी गयी जिनवाणी की सराहना अनुमोदना कर श्री संघ द्वारा आयोजन नियोजन गुरुभक्ति की संघाध्यक्ष एवं विश्वस्त मंडल की तारिफ की !
संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने आये हुये भक्त गणोंका स्वागत किया! युवा साथी वैभव संघवी द्वारा आयोजित वरिष्ठ भक्त गणोंको सुचारु रुपसे आयोजन के वजहसे उन्हे नवाजा गया! पुना के प्रसिध्द उध्योजक हरकचंदजी ओस्तवाल सह परिवार दर्शनार्थ पधारे ! साथमे साधना सदन के सहमंत्री नितीनजी ओस्तवाल भी साथमे थे!