चेन्नई. तंडियारपेट के सभापति स्ट्रीट स्थित धर्मस्थल में विराजित गौतममुनि ने कहा परमात्मा के प्रति प्रेम रखने वालों का बेड़ा पार हो जाता है। मोक्ष और परमात्मा के प्रति प्रेम लगाने वालो का जीवन परम पावन बन जाता है। जब भी ऐसी सेवा करने का मौका मिले तो लाभ उठा लेना चाहिए। सेवा करना जीवन में सबसे बेहतर मार्ग माना गया है। अनशन करना उतना कठिन नही होता जितना कठित सेवा माना जाता है। उत्तम सेवा गुण का जब भी भाव बने तो समझ लो कि जीवन कल्याण की ओर बढ़ रहा है।
सेवा से सिद्धि मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। जो अवसर का लाभ उठा लेते है वे अपने जीवन को सुखद बना लेते है। आंतरिक तप करते हुए मनुष्य को अपने जीवन को पावन बनाने का प्रयास करना चाहिए। धर्म की आराधना करने के साथ लोगों को सेवा भावी बनने की जरूरत है। जीवन में सेवा का आदर्श होने की जरूरत होती है। संघ, समाज और जिनशासन की जब भी सेवा करने का मौका मिले तो दिल से करना चाहिए।
सौभाग्यशाली लोगों को ही ऐसा करने का मौका मिलता है। भक्ति और निष्ठा के साथ मनुष्य अपने संघ और समाज की गरीमा बढ़ा कर जीवन को श्रेष्ठ बना लेता है। सागरमुनि ने कहा मनुष्य का आचरण ही उसे ऊंचाईयों पर ले जाने का कार्य करता है। मनुष्य कितना भी ज्ञानी क्यों ना हो लेकिन आचरण नहीं होने पर सब व्यर्थ होता है।
परमात्मा ने अपने आचरण से जगत के सभी जीवों पर अनंत उपकार किए है। उन उपकारों को ध्यान में रखते हुए जीवन में बदलाव करने का प्रयास करते रहना चाहिए। तभी जीवन सफलता की ओर बढ़ेगा। मुनिगण बुधवार सवेरे यहां से प्रस्थान कर एमसी रोड स्थित जैन स्थानक पहुंचेंगे। विनयमुनि ने गुम्मिडीपूंडी के लिए विहार किया।