सेवाभावी और कर्मठ कार्यकर्त्ता *स्व. श्री पुखराज परमार* नेकदिल सुश्रावक थे। अपनी सेवाओं के माध्यम से वे गुरु के विशेष कृपा पात्र बने।
पिछले 14 वर्षों से प्रति वर्ष आठ महीने निरंतर पूज्यप्रवर के रास्ते की सेवा में अपने आप को लीन रखने वाले *स्व. श्री पुखराज परमार* चातुर्मास में भी दर्शन सेवा उपासना का सदैव लाभ लेते रहे।
चातुर्मास काल में समाज के वरिष्ठ लोगों का एक संघ गुरु दर्शनार्थ ले जाना भी *स्व. श्री पुखराज परमार* के समर्पण भावों में से एक था।
व्यवस्था समिति को आपका सहज और सतत सहयोग प्रारम्भ से ही मिलता रहा। शारीरिक अस्वस्थतता के बावजूद आपने चारों महीने गुरु सेवा में लगाकर अपनी सेवाभावना का परिचय दिया।
चातुर्मास व्यवस्था समिति में मार्गदर्शक मंडल सदस्य के रूप में *स्व. श्री पुखराज परमार* ने अपना अनन्य सहयोग प्रदान किया।
गत महीने उनके देहावसान से समाज को अपूरणीय क्षति पहुंची है। आपके उत्तरोत्तर भावी आध्यात्मिक यात्रा के प्रति
मंगल कामना शुभ कामना