- कन्या किशोर उड़ान कार्यशाला का आयोजन
साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में तेरापंथ युवक परिषद् व महिला मंडल के तत्वावधान में कन्या किशोर कार्यशाला उड़ान का आयोजन किया गया।
“बढ़े शिखर की ओर” विषय पर प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए साध्वीश्री ने कहा आज परिषद् में कन्या व किशोर उपस्थित है। ये वो पीढ़ी है, जो देश, परिवार व समाज का उज्ज्वल भविष्य है। जिनकी आंखों में कामयाबी के इन्द्रधनुषी सपने है। जो हाथ में धैर्य की कलम लेकर, पुरुषार्थ की स्याही लेकर, सृजन के अमिट हस्ताक्षर करने को आतुर है। जिनके पांव शिखर तक पहुंचने के लिए बेताब है। जो अपनी योग्यता के आधार ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं। मैं कहना चाहती हूं कन्याओं एवं किशोरों से सिर्फ कल्पना, सोच, चिन्तन, विचार एवं भावों से ही शिखर तक पहुंच सकते।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि सफलता के आरोहण के लिए जीवन संस्कारों से परिपूर्ण होना चाहिए। संस्कारवान बनने के लिए हमारा फ्रेंड सर्कल भी संस्कारी दोस्तों के साथ होना चाहिए। समयानुसार मोबाइल जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा माता-पिता की अपेक्षा पर खरा उतरना चाहिए। अपने कुल के गौरव को अक्षुण्ण रखने के लिए हमारे मन, वचन, व्यवहार में कृतज्ञता के भाव होने चाहिए।
अपनों से बड़ो के विचारों को ध्यान से सुन कर जीवन में उतारना, अपनाना चाहिए। उनके अनुभव हमारे शिखर आरोहण में सही उड़ान का मार्गदर्शन बनते है। हमारे जीवन को संवारे वाला एक सूत्र आध्यात्मिक भी हैं, अतः धार्मिकता के पूट व्यवहार में अवतरित हो। अपने जीवन को सजायें, सवारें और लक्ष्य की ओर अग्रसर बने।
अन्य सूत्रों का उल्लेख करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि शिखर की ओर बढ़ने के लिए, उड़ान भरने के लिए आत्मविश्वास जरूरी है। आत्मविश्वास वो दीपक है, जो जीवन की हर डगर को आलोकित कर सकता है। शिखर तक पहुंचने के लिए पुरुषार्थ, पेशेन्स व पोजिटिव थिंकिंग की जरूरत है। अगर यह सब आपके भीतर है तो आप सफलता के शिखर पर आरोहण कर सकते हैं। संस्कारों व संस्कृति की सुरक्षा करते हुए सफलता प्राप्त करें। वो सफलता आपके लिए व परिवार के लिए आनन्दप्रदायी बनेगी।
साध्वी सुधाप्रभा ने अपने वक्तव्य में कहा- सिढ़िया उनके लिए होती है जिनका लक्ष्य सिर्फ छत तक पहुंचना है। अगर आपका का लक्ष्य आसमान है, तो रास्ता स्वयं को तलाशना होगा। साध्वी मैत्रीप्रभा ने मंच संचालन करते हुए कहा कि छोटी सोच व्यक्ति को आगे बढ़ने नहीं देती। इसलिए शिखर पर बढ़ने के लिए सोच को ऊंची रखो। मोटिवेटर अनिता, बबीता चौपड़ा ने शिखर पर बढ़ने के लिए ए एन टी का फार्मुला दिया यानि ओटोमेटिक नगेटिव पॉइंट्स से बचे। जेब में हाथ रखकर शिखर तक नहीं पहुंच सकते। मेहनत की सीढ़ियो पर चढ़ना पड़ेगा। अमित चौपड़ा ने ओनेस्टी, हार्डवर्क को जरूरी बताया। कन्यामण्डल ने सुंदर गीत की दृश्यात्मक प्रस्तुति दी। संयोजक मयंक रांका ने वेलकम किया। जयेश डागा, अनिश मरलेचा ने मंगल संगान किया। दूसरे क्षेत्र का संचालन अनिश मरलेचा ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई